किसानों को बीजेपी के घोषणापत्र पर भरोसा नहीं: राकेश टिकैत

किसानों को बीजेपी के घोषणापत्र पर भरोसा नहीं: राकेश टिकैत

नयी दिल्ली: किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को भाजपा के लोकसभा चुनाव 2024 के घोषणापत्र पर भरोसा नहीं है और केंद्र में पार्टी की सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है। टिकैत ने कहा कि भारत को सस्ते श्रम के स्रोत के रूप में देखा जा रहा है और सरकार पर कॉर्पोरेट घरानों का नियंत्रण बढ़ गया है। उन्होंने किसान संगठनों से मुद्दों से निपटने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मजबूत होने को कहा।

बीजेपी के लोकसभा चुनाव में 370 सीटें और NDA के 400 सीट जीतने के दावे पर टिकैट ने कहा कि भाजपा 365 सीटें जीतने के लिए ‘एक दिन, एक सीट’ का नया नारा लेकर आ सकती है। 370 सीटों का लक्ष्य आर्टिकल 370 से जुड़ा हुआ है। भाजपा यह भी दिखाना चाहती है कि वे अपने सहयोगियों से अधिक सीटें जीत सकते हैं। क्या यह मैच फिक्सिंग जैसा नहीं है?”

पत्रकारों से बातचीत करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि लोकसभा चुनावों में आने वाले पक्ष-विपक्ष के प्रत्याशियों से जनता एमएसपी व किसान आंदोलन संबंधी प्रश्रों की झड़ी लगा दें। उनसे पूछे कि इन मुद्दों पर उनका क्या स्टैंड है। उन्होंने कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में कुछ भी नया नहीं है। हाल ही में जो बजट में कहा गया था, वही घोषणा पत्र में डाल दिया गया है।

इस घोषणा पत्र में किसानों के लिए ज्यादा कुछ नहीं है। ये लोग देश के किसान की जमीन हथियाना चाहते है। माहौल इनके खिलाफ है। डरे हुए विपक्ष के कारण तानाशाही जन्म ले रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल भेजे जाने पर उन्होंने कहा कि जेल जाने वालों को ही सत्ता मिलती है। केजरीवाल के साथ अत्याचार हो रहा है।

साल 2020-21 में किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि बीजेपी के घोषणापत्र में स्वामीनाथन आयोग द्वारा सुझाए गए फॉर्मूले पर एमएसपी का कोई उल्लेख नहीं है और यह किसानों तथा खेत श्रमिकों के खिलाफ “खुली चुनौती” है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है और ”पूंजीपतियों के इशारे पर काम कर रही है।” टिकैत ने कहा, “कारोबारियों के इस गिरोह ने राजनीतिक दल पर कब्जा कर लिया है। अगर यह सरकार होती तो किसानों और देश के अन्य लोगों के लिए काम करती। यह भाजपा सरकार नहीं है। इसलिए वे इसे एक व्यक्ति विशेष की सरकार कहते हैं।”

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