किसानों का “दिल्ली चलो मार्च” अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
किसानों का “दिल्ली चलो मार्च” आंदोलन बेमियादी समय के लिए टाल दिया गया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सोमवार को कहा कि मंगलवार को कोई भी जत्था दिल्ली की ओर नहीं रवाना होगा। इससे पहले, किसानों ने रविवार को शंभू बॉर्डर से अपना दिल्ली कूच जब शुरू किया तो उन पर फिर आंसू गैस छोड़ी गई। इसमें सात किसान घायल हो गए। उसके बाद किसानों ने अपना मार्च स्थगित कर दिया था।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा,’शंभू में आंदोलन को 302 दिन पूरे हो चुके हैं। मोदी सरकार की नीति ऐसी है कि सरकार उलझन में है कि उनका फैसला क्या है। आज खट्टर ने कहा कि किसानों को दिल्ली जाने से कोई नहीं रोक रहा है और दिल्ली जाने के कई रास्ते हैं। जबकि सरकार और अधिकारियों का कहना है कि किसानों को दिल्ली जाने की अनुमति नहीं है।
रवनीत बिट्टू कहते हैं कि पैदल आइए। कुल मिलाकर भारत सरकार उलझन में है। भाजपा नेतृत्व के बयान एक-दूसरे से अलग-अलग हैं। हमारे साथ दुश्मन देश के लोगों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। हमने कहा कि हम पैदल जाएंगे और हमें पीएम के दौरे से कोई लेना-देना नहीं है। अब हम खनौरी बॉर्डर जा रहे हैं। मोर्चा की स्थिति और 14 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की हालत देखिए। कल किसान मार्च नहीं करेंगे। डल्लेवाल से मीटिंग के बाद अंतिम फैसला लेंगे। बता दें कि 4.30 बजे किसान प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।
बता दें कि शंभू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी है। आज इस मामले में सुप्रीम हुई। जिसमें कोर्ट ने तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें शंभू बॉर्डर सहित सभी हाईवे को खोलने के निर्देश केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार को देने की मांग की गई है।