मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन, आज मुंबई में हो रहा है अंतिम संस्कार

मशहूर उद्योगपति रतन टाटा का निधन, आज मुंबई में हो रहा है अंतिम संस्कार

भारत के प्रमुख उद्योगपतियों में से एक, रतन टाटा का आज निधन हो गया है। वे 86 वर्ष के थे और काफी समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। रतन टाटा का नाम भारतीय उद्योग जगत में एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में लिया जाता है। रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें एक महान उद्योगपति और जनसेवक के रूप में याद किया।

पीएम मोदी ने कहा, “रतन टाटा जी का जाना देश के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने न केवल उद्योग जगत में अपना अमूल्य योगदान दिया, बल्कि समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी हमेशा प्राथमिकता दी। उनके विचार और कार्य प्रेरणास्पद हैं।” इसके अलावा, कई बड़े उद्योगपति, राजनेता और समाजसेवी संगठनों ने भी उनके निधन पर शोक का निधन न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ी क्षति के रूप में देखा जा रहा है। वे सिर्फ एक उद्योगपति नहीं थे, बल्कि एक विचारशील और करुणामय व्यक्ति थे, जिन्होंने अपने व्यवसायिक जीवन में नैतिकता और समाजसेवा के उच्चतम मानदंड स्थापित किए। उनके नेतृत्व में, टाटा समूह ने न केवल व्यापारिक ऊंचाइयों को छुआ, बल्कि समाज के वंचित वर्गों की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।

रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा समूह ने न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपना एक विशेष स्थान बनाया। उनके द्वारा किए गए नवाचार और दूरदर्शी फैसलों ने भारतीय उद्योग को नई दिशा दी। उन्होंने व्यापार को एक ऐसी दिशा दी जिसमें लाभ के साथ-साथ सामाजिक उत्तरदायित्व भी महत्वपूर्ण था। टाटा नैनो, जिसे “सबसे सस्ती कार” कहा जाता था, उनकी इसी सोच का प्रतीक है। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि उनके द्वारा चलाए जाने वाले व्यवसाय समाज के प्रत्येक वर्ग के लिए फायदेमंद हों।

उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने न केवल औद्योगिक विकास किया, बल्कि पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व योगदान दिया। उदाहरणस्वरूप, टाटा ट्रस्ट्स के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने के लिए कई परियोजनाएँ शुरू की गईं। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) और टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल जैसे प्रतिष्ठान उनके समाज के प्रति समर्पण का जीवंत प्रमाण हैं।

रतन टाटा ने कई कठिन दौर देखे, लेकिन उनकी रणनीतिक सोच और साहसिक नेतृत्व ने उन्हें हर चुनौती से निपटने में सक्षम बनाया। उन्होंने 2008 में मुंबई हमले के दौरान टाटा समूह के होटल ताज को पुनः खड़ा करने में भी अग्रणी भूमिका निभाई। उनके द्वारा दिखाए गए साहस और धैर्य ने न केवल उनके कर्मचारियों को, बल्कि पूरे देश को प्रेरित किया।

popular post

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे 

बिहार चुनाव नतीजों के रुझानों ‌में एनडीए को बहुमत, महागठबंधन पीछे  बिहार चुनाव के शुरुआती

संयुक्त अरब अमीरात ने इस्राईली नागरिकों को वीज़ा देना किया शुरू

कुछ दिनों पहले इस्राईल के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक कर कई समझौते पर हस्ताक्षर

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस

4 दिसंबर भारतीय नौसेना दिवस हर देश किसी न किसी तारीख़ को नौसेना दिवस मनाया

कल से शुरू होगी टी-20 सीरीज, जानिए कितने बजे खेला जाएगा मैच

भारतीय टीम फ़िलहाल अपने ऑस्टेलिया के दौरे पर है जहाँ पर अब तक एकदिवसीय सीरीज़

कुछ हफ़्तों में मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन आने की उम्मीद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

कोरोना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह एक सर्वदलीय बैठक की. पीएम मोदी ने

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में लगा तगड़ा झटका, सिर्फ एक सीट पर मिल सकी जीत

महाराष्ट्र में बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में तगड़ा झटका लगा है. विधान परिषद की

5वें दौर की बैठक: किसानों का दो टूक जवाब हम सरकार से चर्चा नहीं, बल्कि ठोस जवाब चाहते हैं वो भी लिखित में,

कृषि कानूनों को लेकर पिछले 9 दिनों से धरने पर बैठे किसानों के साथ केंद्र

रूस की नसीहत, वेस्ट बैंक में एकपक्षीय कार्रवाई से बचे इस्राईल

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोफ़ ने मेडिटरेनीयन डायलॉग्स बैठक को संबोधित करते हुए कहा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *