फडणवीस पर, झूठे आरोपों के ज़रिए, एमवीए सरकार गिराने की साजिश रचने का आरोप
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। देशमुख ने कहा कि तीन साल पहले फडणवीस ने उन पर दबाव बनाया था। वह चाहते थे कि देशमुख महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं के खिलाफ झूठे हलफनामे दायर करें। उनका मकसद MVA सरकार को गिराना था। एनसीपी (शरद पवार) के वरिष्ठ नेता देशमुख ने कहा कि मुझे ईडी और सीबीआई जांच से मुक्ति दिलाने का वादा किया गया था। यह ऑफर देवेंद्र फडणवीस के एक आदमी ने दिया था। मैंने खुद फडणवीस से फोन पर बात की थी। सही समय पर मैं सारी जानकारी सामने लाऊंगा।
उन्होंने दावा किया कि एमवीए गठबंधन के प्रमुख नेताओं के खिलाफ आरोप मढ़ने का दबाव था। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने अपनी गिरफ्तारी का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘मैं झुकने को तैयार नहीं था और इसीलिए ईडी और सीबीआई को मेरे पीछे लगाया गया।’ देशमुख ने आगे आरोप लगाया कि उन्हें एक बहुत बड़ा झूठ गढ़ने और शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे को बलात्कार और हत्या के मामले में फँसाने के लिए मजबूर किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘मुझे एक झूठा हलफनामा देने के लिए कहा गया था कि आदित्य ठाकरे ने दिशा सालियान का बलात्कार किया और उसे बालकनी से फेंक दिया।’ इन आरोपों के बाद संजय राउत ने बीजेपी पर हमला किया है। जबकि बीजेपी ने आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने ये आरोप तब क्यों नहीं लगाए।
देशमुख के आरोपों को फडणवीस ने ख़ारिज किया
देशमुख ने आरोप लगाया कि सिंह ने उनके खिलाफ जो आरोप लगाए थे, वह फडणवीस की साजिश थी। फडणवीस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि देशमुख की अपनी पार्टी के सदस्यों के पास उनके खिलाफ ऑडियो-विजुअल सबूत हैं। फडणवीस ने कहा कि अगर मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाना जारी रहा, तो मेरे पास ये सबूत सार्वजनिक करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
देवेंद्र फडणवीस द्वारा आरोपों को खारिज किए जाने के बाद देशमुख ने पलटवार किया और कहा कि उनके पास फडणवीस के खिलाफ अपने आरोपों को साबित करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास इसे साबित करने के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग हैं। अगर कोई मुझे चुनौती देता है, तो मैं सब कुछ बता दूंगा। कल देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उनके पास मेरे कुछ वीडियो क्लिपिंग हैं, जिसमें मैं शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बारे में बोल रहा था। उन्हें उन वीडियो क्लिपिंग को सार्वजनिक करना चाहिए।’