कोई दोषी हो तब भी नहीं तोड़ा जाएगा उसका घर, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार

कोई दोषी हो तब भी नहीं तोड़ा जाएगा उसका घर, बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को लगाई फटकार

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने ‘बुलडोजर एक्शन’ के एक मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सोमवार को अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि कोई व्यक्ति दोषी साबित हो भी जाए, तब भी उसकी इमारत को ध्वस्त नहीं किया जाएगा।

दरअसल, अदालत ‘बुलडोजर न्याय’ के खिलाफ दायर उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि ‘बदले’ की कार्रवाई के तहत घर ‘बिना नोटिस’ के गिराए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के मोहम्मद हुसैन और राजस्थान के राशिद खान की ओर से यह याचिका दायर की गई थी। इस मामले पर जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि “कोई आरोपी है, केवल इस आधार पर एक घर को कैसे गिराया जा सकता है? यदि वह दोषी है तो भी उसे नहीं गिराया जा सकता।” अदालत अब इस मामले पर अगले सोमवार को सुनवाई करेगी। आज अदालत ने इस बात पर जोर दिया कि वह सड़कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अवैध निर्माण का समर्थन नहीं करती है, लेकिन संपत्ति को गिराने की कार्रवाई कानूनी तरीके से की जानी चाहिए।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि किसी भी संपत्ति को केवल इस कारण से ध्वस्त नहीं किया जाता कि उसके मालिक का किसी आपराधिक मामले में शामिल होना या दोषी होना है, ऐसा तब ही होता है जब ढांचा अवैध हो। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि “यानि आप यह स्वीकार कर रहे हैं। फिर हम इस आधार पर दिशा-निर्देश जारी करेंगे। किसी के आरोपी होने पर ही उसकी संपत्ति को कैसे ध्वस्त किया जा सकता है।”

गौरतलब है कि उदयपुर के रहने वाले 60 वर्षीय राशिद खान की ओर से दायर याचिका में कहा गया था कि उनका घर जिला प्रशासन ने 17 अगस्त 2024 को ध्वस्त कर दिया था। यह सब उदयपुर में भड़के साम्प्रदायिक हिंसा के बाद हुआ था, जिसमें कई गाड़ियों को आग लगा दी गई थी और कर्फ्यू लागू होने के बाद बाजार बंद कर दिए गए थे।

यह घटना एक मुस्लिम छात्र द्वारा कथित तौर पर एक हिंदू साथी को चाकू मारने के बाद हुई थी, जिसमें घायल छात्र की मौत हो गई थी। याचिकाकर्ता राशिद खान आरोपी छात्र के पिता हैं। दूसरे याचिकाकर्ता मध्य प्रदेश के मोहम्मद हुसैन का आरोप है कि प्रशासन की ओर से उनके घर और दुकान पर अवैध रूप से बुलडोजर चला दिया गया था।

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