टिकट कटने के बाद डॉ. हर्षवर्धन का राजनीति से संन्यास का एलान
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी की पहली उम्मीदवार लिस्ट जारी हुई और इसमें दिल्ली के पांच कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान किया गया। हैरानी की बात रही कि इसमें सांसद हर्षवर्धन का नाम नहीं था। यानी चांदनी चौक सीट से पार्टी ने उनका टिकट काट दिया और व्यापारी प्रवीण खंडेलवाल पर भरोसा जताया।
इससे पहले, पूर्व दिल्ली से भाजपा के सांसद गौतम गंभीर और झारखंड के हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने भाजपा की पहली लिस्ट आने से पहले ही सक्रिय राजनीति से अलग करने का आग्रह किया था। चांदनी चौक से व्यापारी नेता प्रवीण खंडेलवाल, नई दिल्ली से पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पुत्री बांसुरी स्वराज, दक्षिणी दिल्ली से विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी और पश्चिम दिल्ली से पार्षद व दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत पर भाजपा ने भरोसा जताया है।
टिकट कटने के बाद के बाद अब डॉ. हर्षवर्धन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, ‘तीस साल से ज्यादा के शानदार चुनावी करियर के बाद (जिस दौरान मैंने सभी पांच विधानसभा और दो संसदीय चुनाव लड़े और भारी मतों से जीते), अब मैं अपनी जड़ों में वापस लौट रहा हूं।
उन्होंने लिखा कि पचास साल पहले जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ कानपुर स्थित जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में प्रवेश लिया तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था। तत्कालीन आरएसएस नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान आया। वे मुझे केवल इसलिए मना सके क्योंकि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन मुख्य शत्रुओं – गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ने का अवसर था।
उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं अपनी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं, अपने प्रशंसकों और आम नागरिकों के समर्थकों के साथ-साथ अपनी पार्टी के नेताओं को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। उन सभी ने तीन दशकों से अधिक की इस उल्लेखनीय यात्रा में योगदान दिया है।