क्या महाराष्ट्र में भी कर्नाटक पैटर्न चाहते हैं उद्धव ठाकरे?: फडणवीस
हाल ही में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने भाजपा द्वारा लिए गए फैसलों को पलटना शुरू कर दिया है। इन्हीं फैसलों में से एक है आरएसएस के संस्थापक हेडगेवार और हिन्दू राष्ट्र के समर्थक वीर सावरकर के पाठ को स्कूल के पाठ्यक्रम से हटाना। इसका असर महाराष्ट्र में भी दिख रहा है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्ने फडणवीस ने इस मामले में नाराजगी जाहिर करते हुए उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या वह ‘कर्नाटक पैटर्न’ को महाराष्ट्र में भी लागू करना चाहते हैं। देवेंद्र फडणवीस एक दिन पहले उस्मानाबाद में एक रैली को संबोधित कर रहे थे जहाँ उन्होंने अपने पूर्व सहयोगी और हाल के प्रतिद्वंद्वी उद्धव ठाकरे की आलोचना की।
कभी कट्टर हिंदुत्ववादी नेता की छवि रखने वाले उद्धव ठाकरे अब महाविकास अघाड़ी का हिस्सा हैं, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है। कर्नाटक में चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा सांप्रदायिकता के आधार पर लिए गए फैसलों को एक-एक कर पलटना शुरू कर दिया है।
इनमें धर्मांतरण कानून को खत्म करना और स्कूली पाठ्यक्रम से केशव बल्ली हेडगेवार के साथ-साथ हिन्दुत्वादी विद्वान वीर सावरकर के पाठों को हटाना सबसे अहम है। फडणवीस ने कहा, जब कर्नाटक में बीजेपी की हार हुई तो महा विकास अघाड़ी के सदस्य शरद पवार और नाना पटोले ने कहा था कि वह कर्नाटक पैटर्न को महाराष्ट्र में भी लागू करेंगे।
अब जब कांग्रेस ने कर्नाटक में पाठ्यपुस्तकों से आज़ादी के लिए लड़ने वालों को हटाने और जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून को खत्म करने का फैसला किया है, तो मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं कि क्या यह वही कर्नाटक पैटर्न है जो वह महाराष्ट्र में अपना रहे हैं।
मालूम होना चाहिए की पहले उद्धव ठाकरे शिवसेना बीजेपी के सहयोगी हुआ करते थे और उन्हें हिंदुत्ववादी नेता कहा जाता था लेकिन 2019 में उन्होंने बीजेपी छोड़कर अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिला लिया था। तभी से वह भारतीय जनता पार्टी के निशाने पर हैं।