हरियाणा की 113 फैक्ट्रियों का गंदा पानी यमुना में बहाया जा रहा है: कुमारी शैलजा
कांग्रेस महासचिव और सिरसा की सांसद कुमारी शैलजा ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की लापरवाही और उदासीनता के कारण यमुना नदी का पानी तेजी से प्रदूषित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की औद्योगिक इकाइयाँ पर्यावरण संरक्षण के नियमों का खुलेआम उल्लंघन कर रही हैं, और लगभग 113 फैक्ट्रियों का रसायनों से भरा गंदा पानी सीधे यमुना में छोड़ा जा रहा है।
रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा
बुधवार को जारी एक बयान में कुमारी शैलजा ने हरियाणा स्टेट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित कई फैक्ट्रियों के एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ETP) सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं। जाँच के दौरान इन ट्रीटमेंट प्लांट्स से निकलने वाले पानी में गंभीर अनियमितताएँ पाई गई हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ये फैक्ट्रियाँ बिना किसी शुद्धिकरण के गंदा पानी सीधे यमुना में बहा रही हैं।
किन इलाकों से हो रहा है यमुना में प्रदूषण?
कुमारी शैलजा ने बताया कि यमुनानगर, सोनीपत और पानीपत के औद्योगिक क्षेत्रों में काम कर रही फैक्ट्रियाँ अपने रसायनों से भरे गंदे पानी को बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे यमुना में बहा रही हैं। हथनीकुंड बैराज से निकलने वाली यमुना नदी पहले यमुनानगर में प्रवेश करती है और फिर करनाल, पानीपत, सोनीपत और फरीदाबाद से होते हुए आगे बढ़ती है।
यमुना की कुल लंबाई 1,317 किलोमीटर है, जिसमें से हरियाणा में इसकी लंबाई 320 किलोमीटर है। यमुनानगर में ही यह नदी 65 किलोमीटर का रास्ता तय करती है, और इसी स्थान से इसका पानी प्रदूषित होना शुरू हो जाता है।
प्रदूषित पानी से जनता पर पड़ रहा बुरा असर
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इस गंदे और जहरीले पानी के कारण न केवल हरियाणा बल्कि दिल्ली और उत्तर प्रदेश की जनता भी प्रभावित हो रही है। फैक्ट्रियों से निकलने वाले रसायनयुक्त पानी से यमुना का जल पीने योग्य नहीं रह गया है, जिससे लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है। जल जनित रोगों, त्वचा संबंधी समस्याओं और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं में तेजी से वृद्धि हो रही है।
भाजपा सरकार पर साधा निशाना
कुमारी शैलजा ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार की लापरवाही और फैक्ट्रियों पर कोई सख्त कार्रवाई न करने के कारण यमुना नदी की हालत दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत इस मामले पर ध्यान देना चाहिए और दोषी फैक्ट्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
यमुना बचाने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत
कांग्रेस महासचिव ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) और केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से अपील की कि वे हरियाणा सरकार पर दबाव बनाएं और यमुना की सफाई व संरक्षण के लिए सख्त कानूनों को लागू करवाएं। उन्होंने कहा कि यदि जल्द ही ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यमुना का पानी पूरी तरह से जहरीला हो सकता है, जिससे भविष्य में गंभीर पर्यावरणीय संकट खड़ा हो सकता है।


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