क्या गुजरात दंगों के बाद पीएम मोदी ने इस्तीफा दिया था? सिद्दारमैया का भाजपा से सवाल

क्या गुजरात दंगों के बाद पीएम मोदी ने इस्तीफा दिया था? सिद्दारमैया का भाजपा से सवाल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने कथित भूमि घोटाले के आरोपों के चलते अपने पद से इस्तीफा देने से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे क्योंकि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है। भाजपा द्वारा इस्तीफे की मांग पर सवाल उठाते हुए सिद्दारमैया ने पूछा, “क्या नरेंद्र मोदी ने 2002 के गोधरा दंगों के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था?”

उन्होंने आगे कहा कि केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी भी केंद्र सरकार में जमानत पर हैं, क्या उन्होंने इस्तीफा दिया है? सिद्दारमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि वह कानूनी रूप से इस मामले का सामना करेंगे और किसी भी स्थिति में इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि गुजरात दंगों में सैकड़ों लोगों की मौत के बावजूद पीएम मोदी ने भी इस्तीफा नहीं दिया था।

सिद्दारमैया ने कहा, “मैं किसी भी सूरत में इस्तीफा नहीं दूंगा। क्या उन्होंने (मोदी और कुमारस्वामी) इस्तीफा दिया? क्या वे जमानत पर चल रहे कुमारस्वामी का इस्तीफा ले सकते हैं? वे किसकी कैबिनेट में हैं, किसकी सरकार में हैं?”

इस बीच, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को “पक्षपाती” करार देते हुए कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य में मामलों की जांच के लिए एजेंसी को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली। राज्य के कानून और संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद मीडिया को इस फैसले के बारे में जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 1946 के तहत कर्नाटक में आपराधिक मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली गई है।

कानून के अनुसार, सीबीआई को अपने अधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से सहमति की आवश्यकता होती है। मंत्री ने कहा कि यह इसलिए किया गया है क्योंकि यह स्पष्ट है कि सीबीआई का उपयोग एक उपकरण के रूप में किया जाता है और केंद्रीय सरकार एजेंसियों के उपयोग में न्याय नहीं करती है। इसलिए हर मामले में हम इसकी पुष्टि करेंगे और उसके बाद ही सीबीआई को जांच की सहमति देंगे।

दूसरी ओर, राज्य में अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों के लिए सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने वाली एक गैर सरकारी संगठन नेशनल आहिंदा ऑर्गनाइजेशन ने 3 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के समर्थन में मार्च करने का फैसला किया है। संगठन ने मुख्यमंत्री सिद्दारमैया का समर्थन करने का संकल्प लेते हुए उनसे अनुरोध किया है कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा न दें।

संगठन के अध्यक्ष मटन शिवल्ली ने कहा कि उनका संगठन हुबली से बेंगलुरु तक एक संवैधानिक जागरूकता मार्च शुरू करेगा ताकि सिद्दारमैया को बचाया जा सके। इस विरोध प्रदर्शन में पिछड़े वर्गों, दलित और आहिंदा से जुड़े सभी नेता हिस्सा लेंगे। उन्होंने सिद्दारमैया का समर्थन करते हुए कहा, उन्हें किसी भी कीमत पर इस्तीफा नहीं देना चाहिए, उन्हें हमारा पूरा समर्थन है।”

गौरतलब है कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 3 दशक पुराने भूमि आवंटन के एक मामले में 16 अगस्त को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के खिलाफ जांच की अनुमति दी थी। इस जांच को मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। कर्नाटक हाईकोर्ट ने जांच की अनुमति को बरकरार रखा।

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