तृणमूल कांग्रेस की मांग, राज्यपाल धनखड़ को बंगाल से विदा करें राष्ट्रपति

तृणमूल कांग्रेस की मांग, राज्यपाल धनखड़ को बंगाल से विदा करें राष्ट्रपति

बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच विवाद गहराता जा रहा है।

तृणमूल कांग्रेस की सरकार को राज्यपाल समय-समय पर कठघरे में खड़ा करते रहते हैं। 25 जनवरी को भी राज्यपाल ने बंगाल की राजनीतिक स्थिति को भयानक और भयावह बताते हुए कहा था कि यहां की राजनीति रक्तरंजित हो गई है और बंगाल लोकतंत्र के लिए गैस चैंबर के रूप में बदल चुका है।

बंगाल में सत्ताधारी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार और राज्यपाल के बीच बढ़ती तनातनी राष्ट्रपति भवन तक पहुंच गई है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से अनुरोध किया है कि वह पश्चिम बंगाल के मौजूदा गवर्नर जगदीप धनखड़ को राज्य से वापस बुला ले। टीएमसी के इस सांसद ने कहा कि इस संबंध में राष्ट्रपति से बातचीत की तो उस समय उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद थे।

 

बंगाल के राज्यपाल को हटाए जाने का यह मामला संसद सत्र से एक दिन पहले ही सामने आया है। इस्राईल के विवादित स्पाइवेयर पेगासस के साथ-साथ मोदी सरकार अन्य मुद्दों पर भी विपक्ष के निशाने पर है।

याद रहे कि बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की जीत एवं नई सरकार के गठन के बाद से ही राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच रिश्ते और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं। राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि वह राज्य को और अधिक मानव अधिकारों को कुचलते और हिंसा में डूबे हुए नहीं देख सकते।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद भी राज्यपाल ने राज्य सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा था कि उन्हें कोई भी उनकी संवैधानिक जिम्मेदारियों को पूरा करने से नहीं रोक सकता। वह भले ही मेरा कितना भी अपमान करें लेकिन मैं अपने कर्तव्य का पालन करता रहूंगा। उन्होंने कहा था कि राज्य में हिंसा और लोकतंत्र एक साथ नहीं चल सकते। हम सबको साथ मिलकर गांधीजी के शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलना होगा।

जगदीप धनखड़ ने 25 जनवरी को भी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि देते हुए राज्य की राजनीतिक स्थिति को भयानक और भयावह बताया था जिस पर राज्य सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई थी। जगदीप धनखड़ ने पश्चिम बंगाल के राजनीति को रक्तरंजित बताते हुए कहा था कि बंगाल लोकतंत्र के लिए गैस चैंबर के रूप में बदल गया है।

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