दिल्ली की जल मंत्री आतिशी का अनशन दूसरे दिन भी जारी
दिल्ली में जल संकट की गंभीर स्थिति को देखते हुए, आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता आतिशी ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है। यह अनशन अब अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर चुका है, और आतिशी का कहना है कि उन्हें मजबूरन यह कदम उठाना पड़ा है। उनका उद्देश्य है कि सरकार जल संकट को तुरंत हल करने के लिए ठोस कदम उठाए।
बता दें कि, दिल्ली में जल संकट कोई नया मुद्दा नहीं है। हर साल गर्मियों में राजधानी के कई हिस्सों में जल की किल्लत हो जाती है। कई इलाकों में जलापूर्ति बेहद सीमित हो जाती है, जिससे नागरिकों को पीने के पानी और दैनिक उपयोग के लिए पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। इस बार की समस्या और भी गंभीर हो गई है, और यही कारण है कि आतिशी ने अनशन का रास्ता चुना है।
आतिशी का कहना है कि उनका अनशन, सरकार को जल संकट की गंभीरता का अहसास दिलाने और इसे तुरंत हल करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से है। उन्होंने कहा, “मैंने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया है क्योंकि हमारे पास अब और समय नहीं है। हमें तत्काल समाधान चाहिए। जल संकट से निपटने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने होंगे।”
सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने आतिशी के अनशन को गंभीरता से लिया है और कहा है कि वे जल संकट को हल करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। सरकार के प्रवक्ता ने कहा, “हम आतिशी जी की चिंताओं को समझते हैं और जल संकट को दूर करने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं। हमारी प्राथमिकता है कि दिल्ली के सभी नागरिकों को पर्याप्त जलापूर्ति हो।”
जनता की प्रतिक्रिया
आतिशी के अनशन को लेकर जनता में मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग उनकी इस पहल का समर्थन कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम आतिशी जी के प्रयासों की सराहना करते हैं, लेकिन हमें सरकार से ठोस कदम की उम्मीद है। अनशन एक अच्छा तरीका है जागरूकता बढ़ाने का, लेकिन इससे समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सकता।”
विपक्ष का रुख
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “आतिशी का अनशन इस बात का प्रमाण है कि दिल्ली सरकार जल संकट को हल करने में विफल रही है। हमें उम्मीद है कि सरकार अब जागेगी और इस समस्या को प्राथमिकता देगी।”
आतिशी का अनशन कब तक चलेगा और इसके परिणामस्वरूप क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल, दिल्ली के नागरिकों की नजरें सरकार पर हैं कि वे जल संकट को हल करने के लिए क्या ठोस कदम उठाते हैं। आतिशी का अनशन सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि अब और देरी बर्दाश्त नहीं की जा सकती।