केरल में भाजपा नेता की हत्या के आरोपी पीएफआई के 15 सदस्यों को मौत की सज़ा
केरल की एक अदालत ने 2021 में भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या के मामले में दोषी ठहराए गए प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 15 सदस्यों को मंगलवार को मौत की सजा सुनाई। यह फैसला मावेलिक्कारा अतिरिक्त जिला जज वी. जी. श्रीदेवी की कोर्ट ने सुनाया।
लाइव लॉ के मुताबिक 15 दोषियों में नाइसाम, अजमल, अनूप, मोहम्मद असलम, अब्दुल कलाम उर्फ सलाम, सफारुद्दीन, मनशाद, जसीब राजा, नवास, समीर, नजीर, अब्दुल कलाम, जाकिर हुसैन, शाजी और शेरनस अशरफ शामिल हैं। सभी दोषी लोग पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता थे। पीएफआई पर 2022 में प्रतिबंध लगा दिया गया था।
बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के प्रदेश सचिव की हत्या मामले में 31 आरोपी हैं और 15 आरोपियों पर यह फैसला सुनाया गया। 20 जनवरी को मावेलिक्कारा के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीजी श्रीदेवी ने सभी 15 आरोपियों को हत्या का दोषी पाया था।अलाप्पुझा बार एसोसिएशन में प्रैक्टिस करने वाले वकील रेन्जिथ 2021 में अलाप्पुझा विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा के उम्मीदवार थे।
यह घटना 19 दिसंबर, 2021 को हुई, जब पीएफआई के सदस्यों ने अलाप्पुझा में उनके आवास में घुसकर उनकी पत्नी और मां की मौजूदगी में उनकी हत्या कर दी। मृतक के परिवार ने फैसले पर खुशी व्यक्त की और रेनजिथ की विधवा ने कहा कि हालांकि उनके लिए नुकसान बहुत बड़ा है, लेकिन आरोपियों को अधिकतम सजा देने के लिए वे अदालत के बहुत आभारी हैं, जो उन्होंने समझा है कि यह दुर्लभ है।
साजिश रचने वाले तीन आरोपियों को भी आपराधिक साजिश और हत्या का दोषी पाया गया है। रंजीत की पत्नी लिशा ने फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने कहा- “इसे सामान्य हत्या के रूप में नहीं देखा जा सकता। मेरे पति पर हमारे सामने बेरहमी से हमला किया गया था।”
भाजपा नेता रंजीत श्रीनिवासन की हत्या एसडीपीआई नेता केएस शान की 18 दिसंबर, 2021 की रात को एक गिरोह द्वारा हत्या किए जाने के कुछ ही घंटों बाद हुई, जब वह अलाप्पुझा में अपने घर लौट रहे थे। केरल में पीएफआई और आरएसएस में लंबे समय से टकराव चल रहा था। एक दूसरे के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भी हत्याएं हुईं। इससे पहले 2022 में आरएसएस कार्यकर्ताओं ने पीएफआई नेता की हत्या कर दी थी।