देश में दलित और पिछड़े वर्ग हाशिये पर आ गए हैं: राहुल गांधी

देश में दलित और पिछड़े वर्ग हाशिये पर आ गए हैं: राहुल गांधी

देश के इतिहास, धर्म, लोगों और भाषा में कोई नफरत नहीं है। यहां के निवासियों में भाईचारा, आपसी प्रेम और एक दूसरे के प्रति सम्मान है। ये विचार राहुल गांधी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा के अवसर पर कानपुर में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देश में नफरत फैलाने का मकसद 90 फीसदी लोगों को विकास, भागीदारी और न्याय से दूर रखना है। अगर आप पिछड़े, दलित, आदिवासी या अल्पसंख्यक हैं तो जितना चिल्लाना है चिल्लाओ, लेकिन इस मोदी सरकार में आपको नौकरी और न्याय नहीं मिलेगा। यदि आप अपना अधिकार, न्याय और 90% लोगों का शासन चाहते हैं तो जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण कराना होगा।

औद्योगिक नगरी कानपुर पहुंचकर घंटाघर चौराहे पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्नाव से कानपुर तक निकली “न्याय यात्रा” में कांग्रेसियों ने काफिले पर फूल बरसाए और उनका ज़ोरदार स्वागत किया। गंगा पुल से लेकर झाड़ी बाबा पल, और माल रोड चौराहा, एक्सप्रेस रोड तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने होर्डिंग्स और बैनर के साथ अपने नेता का जोरदार स्वागत किया। लोग ऐतिहासिक घंटाघर पर राहुल गांधी की एक झलक पाने और उस पल को अपने मोबाइल फोन में कैद करने के लिए बेचैनथे।

राहुल गांधी ने सभा को धन्यवाद देते हुए कहा कि पहली  भारत जोड़ो यात्रा  के बाद लोगों ने कहा कि मणिपुर, बिहार, उत्तर प्रदेश का क्या होगा। इसके बाद उन्होंने इस क्षेत्र में दूसरी यात्रा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू की जिसमें ‘नफ़रत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूँ’ का क्रांतिकारी नारा मिला है।

यह देश, इसके लोग, धर्म, इतिहास और भाषा घृणित नहीं हैं। यहां लोगों में भाईचारा, आपसी प्रेम और परस्पर सम्मान है। देश में नफरत का माहौल है, यह कहने से मेरा मक़सद यह था कि, अगर आप गरीब हैं, पिछड़े हैं, दलित हैं, आदिवासी हैं, अल्पसंख्यक हैं, तो आपको मीडिया, पुलिस, कोर्ट समेत किसी भी क्षेत्र में न्याय नहीं मिलेगा। जिंदगी भर नहीं मिलेगा। नफरत फैलाने का मकसद 90% आबादी को न्याय, नौकरी और विकास से वंचित करना है।

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