केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों के खिलाफ देश भर के किसान बिल वापसी की मांग के साथ 100 से अधिक दिन से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर डेरा डाले हुए है लेकिन सरकार सोई हुई है।
अब किसान आंदोलन को धार देते हुए अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के सदस्यों ने भी शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों के खिलाफ यहां केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और इन कानूनों को वापस लेने की मांग की। किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने किसानों की समस्याओं को लेकर ‘सोई हुई सरकार को जगाने के प्रयास के तहत कृषि मंत्री के आवास का घेराव किया।’
किसान कांग्रेस के उपाध्यक्ष सुरेंद्र सोलंकी ने कहा कि ‘तीनों काले कानूनों को पारित किये जाने के समय से ही किसान कांग्रेस कृषकों के साथ खड़ी है और उनके मुद्दे का समर्थन कर रही है। सोलंकी ने कहा, ”किसान अंत तक लड़ेंगे और सरकार को उनकी मांगों को मानना चाहिये तथा तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिये।’ कुछ कार्यकर्ताओं को प्रदर्शन के दौरान थोड़े समय के लिये हिरासत में लिया गया।
याद रहे कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान यूनियनों के एक संयुक्त संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ (एसकेएम) ने शुक्रवार को सिंघू, गाजीपुर और टीकरी सीमा बिंदुओं पर विरोध प्रदर्शन स्थलों पर “युवा किसान दिवस” मनाया। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि विरोध स्थलों पर बनाये गए मंचों का संचालन युवाओं ने किया, उन्होंने आंदोलन को सफल बनाने और यह कसम खाई कि वे उनमें हुए बलिदान को बेकार नहीं जाने देंगे।
शुक्रवार को सिंघू बॉर्डर पर मरने वाले 18 वर्षीय नवजोत सिंह को भी श्रद्धांजलि दी गयी। बयान में कहा गया है कि युवाओं ने “बढ़ती बेरोजगारी और शिक्षा के बढ़ते निजीकरण” पर जोर दिया और सरकार पर उन्हें कृषि और गांवों से विस्थापित करने वाली नीति लाने का आरोप लगाया। एसकेएम ने नवदीप कौर को जमानत देने के पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि उन्होंने ‘किसान-मजदूर’ एकता के लिए संघर्ष किया।