सोनिया गांधी से कांग्रेसी नेता की मांग, प्रियंका गांधी से इस्तीफा लें
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में मिली शर्मनाक पराजय के बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू का इस्तीफा ले लिया गया है। उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब, मणिपुर, गोवा और उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्षों से भी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस्तीफा मांगते हुए पार्टी में भारी फेरबदल के संकेत दिए थे।
इन सबके बीच उत्तर प्रदेश में पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी अपने पद पर बनी हुई है जिसे लेकर कांग्रेस के अंदर से ही सवाल उठ रहे हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेता एवं पूर्व पार्टी प्रवक्ता जीशान हैदर ने सोनिया गांधी को पत्र लिखते हुए प्रियंका गांधी के इस्तीफे की मांग की है।
सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र में जीशान हैदर ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी की हार का जिम्मेदार सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष को ठहराना सरासर गलत है। प्रदेश में मिली हार का ठीकरा सिर्फ अध्यक्ष के सर फोड़ना गलत है जबकि वह पार्टी महासचिव एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी की मर्जी के बिना एक चपरासी भी नहीं रख सकते थे।
जीशान हैदर ने अतीत में प्रदेश अध्यक्षों के साथ प्रभारी को भी हटाए जाने की याद दिलाते हुए मांग की है कि प्रियंका गांधी से भी इस्तीफा लिया जाए। जीशान हैदर ने अपने पत्र में कहा है कि जब जब विधानसभा चुनाव में पार्टी हारी है तो सदैव ही प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी ने इस्तीफा दिया है। 2012 विधानसभा चुनाव के बाद दिग्विजय सिंह और रीता बहुगुणा जोशी ने इस्तीफा दिया था जबकि उस चुनाव में मत प्रतिशत और सीट बढ़ी थीं। राज बब्बर और गुलाम नबी आजाद ने 2017 में विधानसभा चुनाव के बाद इस्तीफा दिया था। मुझे लगता है कि आपको प्रियंका गांधी से इस्तीफा मांगना चाहिए। यह आपसे कांग्रेस के एक कार्यकर्ता का निवेदन है।
उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश के प्रभारी प्रियंका गांधी रहेंगी उनकी वही टीम काम करती रहेगी जिनकी वजह से 387 विधानसभा सीट पर पार्टी प्रत्याशियों की जमानत भी ज़ब्त हो चुकी है। अगर प्रियंका गांधी अपनी टीम और नौकरों को हटाने के लिए तैयार नहीं है तो आप से निवेदन है कि आप उत्तर प्रदेश के प्रभार से प्रियंका गांधी जी को कार्यमुक्त कर दीजिए।
ज़ीशान ने अपने पत्र में कहा कि हमेशा ही कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी सब की है तो हमें भी लगता है जितनी कांग्रेस पार्टी आपकी है उतनी ही हमारी भी है और अगर पार्टी की अच्छाई के लिए कोई कदम है तो उसे बताने से हिचकिचाना नहीं चाहिए।