जाति व्यवस्था भारतीय समाज में असमानता की जड़: राहुल गांधी

जाति व्यवस्था भारतीय समाज में असमानता की जड़: राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय समाज में व्याप्त जातिगत असमानता पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि जाति व्यवस्था समाज में असमानता की गहरी जड़ है और इसे समाप्त करने के लिए निर्णायक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बहुजन समाज के लोगों को न्याय दिलाने के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने जाति आधारित जनगणना को भी अत्यंत महत्वपूर्ण कदम बताया।

राहुल गांधी वर्तमान में अमेरिका के दौरे पर हैं, जहां से उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यह बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर और पिछड़े वर्गों को न्याय दिलाने के लिए यह आवश्यक है कि आरक्षण प्रणाली को 50 प्रतिशत की वर्तमान सीमा से अधिक बढ़ाया जाए, ताकि सभी वर्गों को उनका उचित और न्यायपूर्ण हिस्सा मिल सके। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब देश में जातिगत असमानता और आरक्षण पर बहस तेज हो रही है।

जाति आधारित जनगणना की जरूरत पर जोर

राहुल गांधी ने जाति आधारित जनगणना की जरूरत पर भी जोर दिया और कहा कि यह जनगणना बहुजन वर्ग को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। उन्होंने कहा कि जातिगत असमानता को दूर करने के लिए सरकार को एक ठोस और समग्र योजना बनाने की आवश्यकता है, और इसके लिए जाति जनगणना की भूमिका अहम हो सकती है। उन्होंने इसे एक ऐसा उपकरण बताया जो नीति निर्माताओं को समाज के वास्तविक स्वरूप को समझने में मदद करेगा, ताकि वह बहुजन समाज के हितों की रक्षा के लिए उचित योजनाएं और नीतियां बना सकें।

राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “भारत में जाति एक मौलिक समस्या है – यह सामाजिक असमानता की जड़ है। इसे हल करने के लिए आरक्षण पर 50% की सीमा को समाप्त किया जाना चाहिए और सभी वर्गों को उनका न्यायपूर्ण हिस्सा मिलना चाहिए।”

विरोधियों पर तीखे प्रहार

राहुल गांधी के इस बयान को उनके विरोधियों के खिलाफ एक कड़ा संदेश माना जा रहा है। उन्होंने अपनी पार्टी की लंबे समय से चली आ रही आरक्षण के समर्थन की नीति को दोहराया और कहा कि आरक्षण व्यवस्था ने अब तक पिछड़े और दलित वर्गों को उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान समय में आरक्षण की सीमा 50% होना न्यायपूर्ण नहीं है, और इसे और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि हाशिये पर खड़े समाज के हर वर्ग को उनका हक मिल सके।

जाति व्यवस्था के खात्मे की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान

राहुल गांधी ने अपने इस बयान के माध्यम से जाति व्यवस्था को समाप्त करने और समाज में व्याप्त असमानताओं को दूर करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर देश को सामाजिक न्याय की दिशा में आगे बढ़ना है, तो जातिगत असमानता को जड़ से खत्म करना होगा। उन्होंने इसे भारतीय समाज की “बुनियादी समस्या” बताया और कहा कि इसे सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

राहुल गांधी के इस बयान ने देश में आरक्षण और जातिगत असमानता पर एक नई बहस को जन्म दिया है। उन्होंने आरक्षण सीमा बढ़ाने के साथ-साथ जाति आधारित जनगणना की वकालत कर इसे एक न्यायसंगत समाज की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।

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