बजट 2024 मध्यम वर्ग के “सीने और पीठ पर खंजर” घोंपने के समान: राहुल गांधी
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को बजट 2024-25 पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए एक बार फिर सत्तारूढ़ गठबंधन का नाकाबंदी कर दी। राहुल गांधी ने बजट को मध्यम वर्ग के “सीने और पीठ पर खंजर” घोंपने के समान बताया और आरोप लगाया कि बजट का एकमात्र उद्देश्य बड़े उद्योगपतियों की मोनोपॉली को कायम रखना है।
राहुल गांधी ने महाभारत के कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु के चक्रव्यूह में फंसने की कहानी लोक सभा में सुनाते हुए आरोप लगाया कि इस समय देश भी अभिमन्यु की तरह ही 6 लोगों मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अडानी और अंबानी के चक्रव्यूह में फंसा हुआ है। विपक्ष के नेता ने दृढ़तापूर्वक घोषणा की कि जिस तरह लोक सभा चुनाव में विपक्ष ने बीजेपी के अहंकार को माटी में मिला दिया, उसी तरह वह भय के इस चक्रव्यूह को भी तोड़ देगा और जनता को उनके अधिकार दिलाएगा।
“आज का चक्रव्यूह, कमलव्यू है”
राहुल गांधी, जिनकी भाषण से जाहिर हो रहा था कि वह सत्तारूढ़ गठबंधन को घेरने की पूरी तैयारी के साथ संसद में पहुंचे थे, ने कहा कि “हजारों साल पहले 6 लोगों ने चक्रव्यूह बनाया था और बहादुर अभिमन्यु को मारा था। उसी तरह 21वीं सदी में बीजेपी सरकार ने चक्रव्यूह जैसा अपना कमलव्यू बनाया है। देश इसमें फंसा हुआ है लेकिन विपक्ष अपनी रणनीति के जरिए कमलव्यू से निकालकर जनता को इससे मुक्ति दिलाएगा।” उन्होंने कहा कि चक्रव्यूह की नई रूप “कमलव्यू” में देश का किसान, गरीब और आम आदमी फंसा हुआ है।
अडानी और अंबानी का नाम लेने पर आपत्ति
राहुल गांधी ने कुरुक्षेत्र के चक्रव्यूह का तुलना वर्तमान के “कमलव्यू” से करते हुए कहा कि कमलव्यू में भी 6 लोग नरेंद्र मोदी, अमित शाह, अडानी, अंबानी, अजीत डोभाल और मोहन भागवत हैं।” राहुल गांधी ने जैसे ही अडानी और अंबानी का नाम लिया, स्पीकर ओम बिड़ला ने उन्हें टोकते हुए संसद का यह नियम याद दिलाया कि वह उन लोगों का नाम नहीं ले सकते जो संसद के सदस्य नहीं हैं।
राहुल और स्पीकर में बहस
लोक सभा स्पीकर ने जब राहुल गांधी को टोका तो उन्होंने कहा कि “अगर आप चाहते हैं तो मैं इस सूची से अडानी, अंबानी और डोभाल का नाम हटा देता हूं।” नाम दोहराने पर इस पर स्पीकर ने फिर विपक्ष के नेता को टोका और याद दिलाया कि “संसद की कार्यवाही नियमों के तहत चलेगी।” इस दौरान सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से हंगामा हुआ और संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने उठकर बोलने की कोशिश की मगर राहुल गांधी ने इस पर भी आपत्ति की।
बजट को “चक्रव्यूह बजट” करार दिया
विपक्ष के नेता ने कहा कि “कमल के चक्रव्यूह ने रोजगार प्रदान करने वाले बिंदुओं पर हमला किया है। बजट में टैक्सों के हमले को रोकने और छोटे रोजगार बढ़ाने और युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए कुछ नहीं किया गया। अग्निवीर चक्रव्यूह में फंस गए हैं। उनके लिए पेंशन जैसी कोई योजना नहीं है। किसानों को भी इस चक्रव्यूह में फंसा दिया गया है, उन्होंने एमएसपी मांगी है लेकिन वह भी नहीं दी गई। युवा पेपर लीक के चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं। पिछले 10 वर्षों में 70 बार पेपर लीक हो चुके हैं।”
बजट का हलवा कौन खा रहा है?
राहुल गांधी ने बजट पेश किए जाने से पहले हलवा की तैयारी और उसकी वितरण की रस्म को भी एक प्रतीक के रूप में उपयोग करते हुए कहा कि बजट का हलवा बंट रहा है मगर देश के 73% लोग इससे वंचित हैं। उन्होंने संकेत दिया कि “20 अधिकारियों ने मिलकर भारत का बजट बनाया है जिसमें सिर्फ एक सदस्य अल्पसंख्यक वर्ग से और एक ओबीसी से है। बजट का हलवा बंट रहा है, लेकिन इसमें देश के 73% लोग हैं ही नहीं।”
इस मौके पर राहुल गांधी ने बजट के हलवा की वितरण के समय की तस्वीर भी दिखाई। तस्वीर दिखाते ही लोक सभा का कैमरा उन पर से हटा लिया गया लेकिन जैसे ही कैमरा दोबारा उनकी ओर आया उन्होंने फिर तस्वीर दिखाई। इस मौके पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण परेशान नजर आईं।