भाजपा का घोषणापत्र ‘ गारंटी नहीं सिर्फ घंटी: डिंपल यादव
मैनपुरी: उत्तर प्रदेश की मैनपुरी सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र गारंटी नहीं बल्कि “झुनझुना” है। “यह कोई गारंटी नहीं है; यह सिर्फ एक घंटी है, एक झुनझुना है।” फिर इसकी गारंटी पहले ही विफल हो चुकी है,” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने भाजपा पर यह दावा करने का आरोप लगाया कि उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया है, उन्होंने पूछा कि फिर भी लोगों को मुफ्त राशन प्रदान करने की आवश्यकता क्यों है।
डिंपल ने कहा, “अगर उन्होंने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है, तो मुफ्त राशन देने की जरूरत होगी। वे इसे तब भी देते हैं जब चुनाव नजदीक आते हैं। जब चुनाव पूरा हो जाता है, तो यह वापसी मोड में चला जाता है। सपा सांसद डिंपल यादव भाजपा के संकल्प पत्र पर कहा कि सरकार खाली थालियां बजवाती है, जनता सरकार बदलने के लिए तैयार है।
बता दें कि, भाजपा ने रविवार को अपना चुनावी घोषणा पत्र “मोदी की गारंटी” टैगलाइन के साथ जारी किया, जिसमें अधिक विकास, महिला कल्याण और “विकसित भारत” (विकसित भारत) के रोडमैप पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पार्टी द्वारा जारी घोषणापत्र में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ और “एकल मतदाता सूची” का वादा किया गया है। अपने चुनावी वादे में पार्टी का लक्ष्य देश को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना भी है। घोषणापत्र में भारत को “वैश्विक विनिर्माण केंद्र” बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
भाजपा के संकल्प पत्र डिंपल यादव ने क हा कि इन सभी बातों को सरकार अमल नहीं कर पाई उनकी गारंटी फेल है। वन नेशन वन इलेक्शन की बात नहीं है ये संविधान को खत्म करने की बात है। पहले इन्होंने कहा था कि वन नेशन वन टैक्स आ जाएगा लेकिन आज सबको पता है कि देश में कितने तरह के टैक्स हैं। जब चुनाव पास आते हैं तभी राशन देने का काम करते हैं। चुनाव खत्म होने के बाद अपने हाथ खींच लेते हैं।
वहीं भाजपा के संकल्प पत्र पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी तंज कसा है। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कह कि जनता ने जब अपने सनुहरे भविष्य को विकल्प के रूप में चुनते हुए, इंडिया गठबंधन को जिताने व भाजपा को हराने का संकल्प ले ही लिया है, ऐसे में भाजपा का ‘संकल्प पत्र’ किसी काम का नहीं। अखिलेश यादव ने कहा कि झूठ और जुमले जिनकी पहचान बन गये हों जनता न उनके संकल्प-पत्र पर विश्वास कर रही है न भविष्य की गारंटी पर।