बीजेपी विधायक केदार हाजरा और आजसू नेता उमाकांत रजक JMM में शामिल
झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 बार के बीजेपी विधायक केदार हाजरा और AJSU के नेता उमाकांत रजक शुक्रवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा में शामिल हो गये। हाजरा और रजक ने रांची में एक कार्यक्रम में JMM का दामन थाम लिया। बता दें कि हाजरा जमुआ से विधायक हैं और उन्होंने कांग्रेस की मंजू कुमारी को 18175 मतों से हराकर 2019 में विधानसभा चुनाव जीता था। हाजरा के पार्टी में शामिल होने से जमुआ सीट पर JMM मजबूती की उम्मीद कर रही होगी।
मुख्यमंत्री और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन और विधायक कल्पना सोरेन ने दोनों को पार्टी के चुनाव चिन्ह वाला पट्टा पहनाकर स्वागत किया। यह तय माना जा रहा है कि जेएमएम इन दोनों नेताओं को उनकी परंपरागत सीटों से उम्मीदवार बनाएगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इन नेताओं के पार्टी में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘झारखंड के दो जुझारू और कर्मठ नेताओं केदार हाजरा और भाई उमाकांत रजक का अपने हजारों समर्थकों के साथ जेएमएम परिवार में हार्दिक स्वागत है, जोहार है।‘
केदार हाजरा जमुआ सीट से तीन बार बीजेपी के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। इस बार पार्टी की ओर से कराए गए आंतरिक सर्वे में एंटी इनकंबेंसी की रिपोर्ट के आधार पर उनका टिकट कटना तय माना जा रहा था। जमुआ सीट पर पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर दूसरे नंबर पर रही मंजू कुमारी और उनके पिता और पूर्व विधायक शुकर रविदास ने इसी हफ्ते बीजेपी की सदस्यता ली थी।
बता दें कि झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2 चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे तथा वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी। बीजेपी पर निशाना साधते हुए सोरेन ने कहा, झारखंड को सामंती मानसिकता वाले राजनीतिक गिद्धों से बचाने का समय आ गया है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ‘क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ’ के चलते अशांति फैलाना चाहती है। वहीं, चुनावों से ठीक पहले बीजेपी का दामन छोड़कर JMM में शामिल होने वाले हाजरा ने कहा कि वैसे तो उन्होंने 3 दशक तक बीजेपी की सेवा की लेकिन वह ‘दिशोम गुरु’ शिबू सोरेन से सदैव प्रेरित रहे हैं। हाजरा ने कहा कि यही वजह है कि उन्होंने JMM को मजबूत करने का निर्णय लिया।