राम मंदिर उद्घाटन को भाजपा, राजनीतिक या फिर वित्तीय तौर पर इस्तेमाल कर रही है: शरद पवार

राम मंदिर उद्घाटन को भाजपा, राजनीतिक या फिर वित्तीय तौर पर इस्तेमाल कर रही है: शरद पवार

राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को होने वाला है। इस आयोजन में पीएम नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और आरएसएस चीफ मोहन भागवत समेत कई राजनीतिक हस्तियां मौजूद रहेंगी। इस आयोजन में कुल 6000 गेस्ट को बुलाया गया है, जिनमें बड़ी संख्या में संत भी शामिल होंगे।

शरद पवार ने कहा कि यह खुशी की बात है कि राम मंदिर बन रहा है, जिसके लिए बहुत से लोगों ने योगदान दिया है। हालंकि उन्होंने यह भी कहा कि मुझे राम मंदिर का न्योता नहीं मिला है, लेकिन मिलता भी तो नहीं जाता।

उन्होंने कहा कि आस्था तो निजी मसला है। मैं पूजा स्थलों पर नहीं जाता। मैं आस्था के सिर्फ दो-तीन स्थानों पर ही जाता हूं, लेकिन उसके बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। यह एक निजी मसला है। इस तरह शरद पवार ने साफ कर दिया कि राम मंदिर के उद्घाटन में वह नहीं जाएंगे। भले ही इसके लिए उन्हें न्योता मिले या फिर नहीं।

शरद पवार कई बार खुद को नास्तिक बता चुके हैं। ऐसे में उन्होंने किन तीन चीजों को अपनी आस्था का केंद्र बताया है, यह अहम है। उन्होंने साफ कहा कि मैं दो-तीन स्थानों पर ही जाता है, जिनमें मेरी आस्था है। लेकिन इस बारे में सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहूंगा। राम मंदिर उद्घाटन में राजनीतिक हस्तियों के अलावा क्रिकेटर, फिल्म स्टार भी रहेंगे। इसके अलावा तीन हजार के करीब संतों को भी आमंत्रित किया गया है।

एनसीपी चीफ से पहले बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में जाने से इनकार कर चुकी हैं। वहीं सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी भी नहीं जा रहे हैं। कांग्रेस ने भी अब तक साफ नहीं किया है कि उसकी तरफ से किन लोगों को भेजा जाएगा और किन्हें नहीं। बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को भी

बता दें कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को भी न्योता नहीं मिला है। इसे लेकर भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कहा कि उद्धव पहली बार के एमएलसी हैं, इसलिए उन्हें न्योता नहीं भेजा गया है। यह निमंत्रण पार्टी प्रमुखों को भेजा गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles