हाल ही में राज्यसभा से विदा लेने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद और भाजपा नेताओं के बीच सार्वजानिक मंचों पर दिख रही नज़दीकियां चर्चा में है। कहा जा रहा है कि भाजपा उन्हें अपने पाले में खींचने के लिए ज़ोर लगा रही है। हालांकि गर्म हुई आशंकाओं को विराम लगाते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यह कोरी अपवाह है। साफ़ किया कि वह कांग्रेसी हैं और कांग्रेसी ही रहेंगे। संगठन में चुनाव करने की अपनी माँग पर आज़ाद आज भी कायम हैं।
रिपोर्ट के अनुसार आज़ाद और भाजपा के बीच बढ़ती नज़दीकियों की अपवाह ने उस समय ज़ोर पकड़ा, जब राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त होने से पहले आज़ाद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बीच लगातार तीन मुलाक़ातें हुईं। इन मुलाक़ातों के पीछे क्या रहस्य था इसका खुलासा करने के लिए दोनों ही खामोश हैं। आज़ाद ने भी इन खबरों की कोई पुष्टि नहीं की है। उसके बाद राज्यसभा से विदाई के समय प्रधानमंत्री मोदी ने आज़ाद की प्रशंसा में जो क़सीदे पढ़े उससे इन अपवाहों ने ज़ोर पकड़ लिया।
यह नज़दीकी एक बार फिर उस समय सामने आई जब हाल ही में हुए एक मुशायरे में भाजपा मंत्रियों के साथ आज़ाद की तस्वीरों ने भाजपा को एक और अवसर दे दिया कि आज़ाद और भाजपा की नज़दीकियों को हवा दी जा सके। लेकिन आज़ाद के करीबी कांग्रेस नेता ने दावा किया कि भाजपा कांग्रेस की आंतरिक खींचतान को हवा देने के इरादे से ऐसी ख़बरों को तूल दे रही है।
आज़ाद को उप राष्ट्रपति बनाने की बात
कांग्रेस के ग्रुप 23 के इस सदस्य ने कहा कि हम जिसमें आज़ाद भी शामिल हैं पार्टी के अंदर रहकर अपनी बात उठाते रहेंगे लेकिन पार्टी नहीं छोड़ेंगे। चर्चा है कि भाजपा आज़ाद को उप राष्ट्रपति पद का लालच दे रही है। यहाँ तक कहा जा रहा है कि इस पद के लिए मोदी सरकार जेडीयू से उनके नाम का प्रस्ताव करा सकती है। तब उन पर कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने का आरोप भी नहीं लगेगा तथा भाजपा के समर्थन से वह इस पद पर बैठ सकेंगे। कांग्रेस की भी मज़बूरी होगी कि वह अपनी पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करे। दूसरी तरफ आज़ाद की सेक्युलर छवि को भी धक्का नहीं लगेगा।
सरकार की ओर से आयोजित किये गए हालिया उर्दू मुशायरे ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ में आजाद को दोनों मंत्रियों के साथ अगली पंक्ति की वीवीआईपी सीट पर बिठाया गया। दिलचस्प रूप से जितेंद्र सिंह भी संसद में जम्मू-कश्मीर का ही प्रतिनिधित्व करते हैं।
मुशायरे में शामिल हुए जाने-माने शायर वसीम बरेलवी समेत अन्य शायरों ने आजाद की जमकर सराहना की। इस दौरान मंच से कई शायरों ने उनका जिक्र करते हुए कुछ शेर सुनाए। राज्यसभा से आजाद की विदाई के बाद कांग्रेस ने उन्हें अब तक कोई नई जिम्मेदारी नहीं सौंपी है, लेकिन सरकारी मुशायरा कार्यक्रम में उपस्थिति के बाद उनके भाजपा के करीब आने के कयास लग रहे हैं।