भाजपा को नहीं चाहिए मियां लोगों के वोट: हिमंता बिस्वा सरमा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा अपने काम से ज्यादा अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में रहते हैं। हिमंता बिस्वा सरमा की जुबान एक फिर विवादित बयान के लिए खुली है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि असम में भाजपा को अगले दस वर्षों तक मियां लोगों के वोट नहीं चाहिए।
पीटीआई की एक खबर के मुताबिक असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि भाजपा को अगले 10 वर्षों तक ‘चार’ (नदी का रेतीला इलाका) क्षेत्रों के ‘मिया’ लोगों के वोटों की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह जैसी प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं कर लेते।
गुवाहाटी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा, BJP लोक कल्याण करेगी और वे (मियां) हमारा समर्थन भी करेंगे, लेकिन उन्हें हमें वोट देने की जरूरत नहीं है। हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है। उन्हें नरेंद्र मोदी और BJP के लिए जिंदाबाद के नारे लगाने दीजिए।
हालांकि, सरमा ने कहा कि ‘मिया’ लोग उनका, पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी का समर्थन करते हैं। लेकिन वे उन्हें वोट दिए बिना हमारे पक्ष में नारे लगाना जारी रख सकते हैं। उन्होंने यह बयान पांच राज्यों के चुनाव से ठीक पहले आया है।अब उनका यह बयान, निजी बयान है या पार्टी की रणनीति का हिस्सा है यह तो समय बतायेगा क्योंकि दो दिन पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि, हमारे लिए कोई पराया नहीं है। संघ सबकी सेवा के लिए लगा हुआ है।
वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दावा किया है कि इस बार मुस्लिम समुदाय के मतदाता भी उनके कार्यों के कारण बड़ी संख्या में उन्हें वोट देंगे। वह वाशम जिले में एक सड़क का उद्घाटन करने के मकसद से पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा, ”मैंने जो काम किया है उसे देखकर इस बार मुसलमान भी मुझे वोट देंगे। अगर वे वोट नहीं भी देंगे तो भी मैं उनका काम करता रहूंगा। गडकरी ने दावा किया कि “मैंने कभी भी जाति या समुदाय के आधार पर भेदभाव नहीं किया है।