चीन सीमा पर थिएटर कमांड बना रहे थे बिपिन रावत, रूस अमेरिका जैसी होगी भारतीय सेना

चीन सीमा पर थिएटर कमांड बना रहे थे बिपिन रावत, रूस अमेरिका जैसी होगी भारतीय सेना कन्नूर हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले सीडीएस बिपिन रावत भारतीय सेना को रूस, अमेरिका और चीन के समक्ष आधुनिक और शक्तिशाली बनाना चाहते थे. 31 दिसंबर 2019 में जब उन्हें देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का प्रमुख पद दिया गया तो उनका सबसे बड़ा कर्तव्य तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल बनाने के साथ-साथ तीनों सेनाओं के पुनर्गठन कर थिएटर कमांड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

चीन और भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को एक ही छत के नीचे लाना थिएटर कमांड का मकसद है. बिपिन रावत 4 नए थिएटर कमांड बनाने पर काम कर रहे थे. वह जिस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे वह भविष्य में पाकिस्तान और चीन से आने वाले खतरों से निपटने में अहम भूमिका अदा करेगा.

थिएटर कमांड का सबसे सही इस्तेमाल युद्ध के दौरान पता चलता है जब भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए तीनों सेना प्रमुखों के बीच आपसी तालमेल होता है. थिएटर कमांड से बनी रणनीतियां दुश्मन पर अचूक वार करने के लिए कारगर होती हैं.

1999 में कारगिल युद्ध के बाद थिएटर कमांड और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की स्थापना का सुझाव कई समितियों और रिपोर्ट्स में दिया गया था. 15 अगस्त 2019 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने चीफ ऑफ डिफेंस पद की स्थापना की घोषणा की तो उन्होंने कहा था कि तीनों सेनाओं के बीच आपसी तालमेल हो और वह अपने अपने तरीके से आधुनिकीकरण के लिए प्रयास करें, लेकिन जिस तरह से युद्ध की रूपरेखा और तकनीक बदल रही है उसे देखते हुए भारत को भी टुकड़ों में सोचने तक सीमित नहीं रहना होगा. देश की सैन्य शक्ति को एकजुट करके आगे बढ़ना होगा. तीनों सेनाओं के एक दूसरे के साथ मिलकर, एक साथ एक ही आगे बढ़ना होगा और दुनिया के बदलते माहौल और सुरक्षा चुनौतियों को देखते हुए आपसी तालमेल होना चाहिए.

अभी देश में 1500000 सशक्त सैन्य बल हैं. इन्हें संगठित करने के लिए थिएटर की जरूरत है. देशभर में तीनों सेनाओं की अभी तक अलग-अलग 17 कमांड्स हैं. थल सेना के पास सात, वायु सेना के पास सात, और नौसेना के पास 3 कमांड्स हैं. इसके अलावा एक स्ट्रैटिजिक फोर्सेस कमांड है जो परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा करती है और उसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी इसी के पास है.

सीडीएस बिपिन रावत चार थिएटर कमांड पर काम कर रहे थे. वह पाकिस्तान और चीन की हरकतों पर नजर रखने के लिए थिएटर कमांड स्थापित करना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि भारत 2022 तक थिएटर कमांड बना लेगा. जनरल बिपिन रावत के अनुसार हमारी समुद्री सीमा बहुत बड़ी है. जम्मू कश्मीर और एलएसी की सीमाएं अनसुलझी हैं. इसलिए हमने लैंड बेस्ड कमांड तैयार किया है. पश्चिमी और पूर्वी थिएटर पर ध्यान दिया जाएगा.

याद रहे कि अमेरिका के पास अभी तक 11 थिएटर कमांड्स हैं. इनमें से छह पूरी दुनिया को कवर करते हैं. वहीं चीन के पास भी पांच थिएटर कमांड है. चीन भारत को हैंडल करने के लिए अपने पश्चिमी थिएटर कमांड का उपयोग करता है. रूस के पास भी चार थिएटर कमांड्स हैं.

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