दिल्ली सेवाओं से जुड़ा विधेयक लोकसभा से पारित
दिल्ली की सेवाओं से जुड़ा विधेयक ध्वनिमत से लोकसभा से पास हो गया। नवगठित विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए (INDIA) ने एकजुट होकर विधेयक का विरोध किया तो वहीं राजग के साथ-साथ बीजद, वाइएसआर कांग्रेस और टीडीपी ने इसका पुरजोर समर्थन किया।
विधेयक पर हुई चाढ़े चार घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए गृह मंत्री ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष को देशहित, दिल्ली के हित की चिंता नहीं बल्कि गठबंधन बचाने की चिंता है। उन्होंने पूछा कि आज विपक्ष को मणिपुर हिंसा की याद क्यों नहीं आ रही? विपक्ष आज प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग क्यों नहीं कर रहा? इससे पहले भी जब नौ विधेयक पारित हुए, तब विपक्ष ने चर्चा में हिस्सा क्यों नहीं लिया?
इसी बीच अमित शाह ने मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्षियों को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा कि गठबंधन टूटने वाला बिल जैसे ही सामने आया, विपक्षियों को मणिपुर, दंगा, लोकतंत्र इत्यादि याद नहीं आया। तमाम विपक्षी एकत्रित होकर सामने बैठे हैं और यह लोग 130 करोड़ लोगों को बताते हैं कि हमें (सरकार) मणिपुर, लोकतंत्र की चिंता नहीं है सिर्फ चुनाव की चिंता है।
अमित शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि कोर्ट के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले में पैरा 86, पैरा 95 और पैरा 164 (एफ) में स्पष्ट किया गया है कि अनुच्छेद 239 (ए) (ए) में संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के विषय पर कानून बनाने का अधिकार है।