बिलकिस बानो केस के दोषी को गुजरात हाई कोर्ट से 10 दिन की पैरोल
गुजरात हाई कोर्ट ने बिलकिस बानो केस के एक आरोपी रमेश चंदना को 20 दिन की पैरेल दी है। दोषी को यह पैरोल 5 मार्च को होने वाली अपने भतीजे की शादी में शामिल होने के लिए दी गई है। चंदना ने पिछले हफ्ते पैरोल के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इससे पहले भी चंदना को लंबे समय की पैरोल मिल चुकी है।
जस्टिस दिव्येश जोशी ने याचिका पर आदेश देते हुए कहा, “दोषी चांदना को अपनी बहन के बेटे की शादी समारोह में शामिल होने के आधार पर पैरोल की मांग की गई थी। उसके आवेदन पर विचार करने के बाद अभियुक्त को 10 दिन की पैरोल दी गई है।”
सुप्रीम कोर्ट में गुजरात सरकार की ओर से पेश हलफनामे के मुताबिक, चंदना ने 2008 में कैद के बाद से 1198 दिनों की पैरोल और 378 दिनों की फरलो ले चुका है। इससे पहले इस मामले में दोषी प्रदीप मोधिया को 7 फरवरी से 11 फरवरी तक पैरोल मिली थी। बिलकिस बानो केस में पैरोल पाने वाला रमेश चांदना दूसरा दोषी है। इस मामले के सभी 11 दोषियों ने 21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गोधरा शहर की एक जेल में आत्मसर्मपण किया था।
अगस्त, 2022 में गुजरात सरकार ने कारावास के दौरान उनके ‘अच्छे आचरण’ का हवाला देते हुए चंदना सहित 11 दोषियों को समय से पहले रिहाई दे दी। जिन 11 लोगों ने आत्मसमर्पण किया था, वे हैं-राधेश्याम शाह, जसवन्त नाई, गोविंद नाई, केसर वोहनिया, बाका वोहनिया, राजू सोनी, प्रदीपभाई मोडिया, शैलेश भट्ट, बिपिन जोशी, मितेश भट्ट और प्रदीप मोढिया।
हालांकि, 8 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और राज्य की “सहभागी” होने और अपने विवेक का दुरुपयोग करने के लिए आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में रिहा हुए दोषियों को दो सप्ताह के भीतर जेल लौटने का निर्देश दिया।