भूपेंद्र सिंह मान ने कृषि कानूनों पर बनाई गई कमेटी से खुद को अलग किया

कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) का आज 50वां दिन है. आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चार लोगों की कमेटी का गठन किया था.

कमेटी के सदस्‍यों में भारतीय किसान यूनियन के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष भूपिंदर सिंह मान (Bhupinder Singh Mann) भी थे. लेकिन अब उन्होंने कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया है.

नाम वापस लेने की वजह ये है कि कमेटी में भूपिंदर मान के नाम पर शुरुआत से ही बवाल हो रहा था. किसान नेताओं का कहना था कि मान पहले ही तीनों नए कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं.

भूपिंदर सिंह मान ने पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी. मान ने इस कमेटी में उन्हें शामिल करने के लिए शीर्ष अदालत का आभार जताया.

पत्र में उन्होंने लिखा है कि वे हमेशा पंजाब और किसानों के साथ खड़े हैं. एक किसान और संगठन का नेता होने के नाते वह किसानों की भावना जानते हैं. वह किसानों और पंजाब के प्रति वफादार हैं. किसानों के हितों से कभी कोई समझौता नहीं कर सकता. वह इसके लिए कितने भी बड़े पद या सम्मान की बलि दे सकते हैं. मान ने पत्र में लिखा कि वह कोर्ट की ओर से दी गई जिम्मेदारी नहीं निभा सकते, अतः वह खुद को इस कमेटी से अलग करते हैं.

आपको बता दें कि किसान नेताओं ने कमेटी में शामिल अन्य नामों पर भा ऐतराज जताया था. शीर्ष अदालत की तरफ से बनाई गई चार सदस्यों की समिति में BKU के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, शेतकारी संगठन (महाराष्ट्र) के अध्यक्ष अनिल घनवत, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान दक्षिण एशिया के निदेशक प्रमोद कुमार जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी शामिल हैं. अनिल घनवत ने मीडिया में लिखे अपने लेखों में किसान कानूनों के पक्ष में राय दी थी.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles