मणिपुर में हैवानियत की हदें पार, सुप्रीम कोर्ट का तुरंत कार्यवाई का आदेश
मणिपुर में हैवनियत अपनी हद पार कर चुकी है। ताज़ा घटना से पूरा देश स्तब्ध रह गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार को तुरंत कार्यवाई का आदेश दिया है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि अगर तुरंत कार्यवाई नहीं की गई तो हम खुद एक्शन लेंगे। मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो वायरल है। अदालत ने कहा कि वह इससे ”वास्तव में परेशान” है और मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार के लिए तय कर दी।
चीफ जस्टिस ने कहा, “सांप्रदायिक संघर्ष के क्षेत्र में महिलाओं को एक साधन के रूप में इस्तेमाल करना” सबसे बड़ा संवैधानिक दुरुपयोग है। अदालत ने कहा, “संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है। यह बेहद परेशान करने वाला है। इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और मणिपुर सरकार को अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया।
मणिपुर से आ रही महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। महिलाओं के साथ घटी इस भयावह हिंसा की घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। समाज में हिंसा का सबसे ज्यादा दंश महिलाओं और बच्चों को झेलना पड़ता है।
पूरा मामला क्या है ?
मणिपुर के थौबल जिले में दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हो गया, इस पर देशभर में प्रतिक्रिया हो रही है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी है और कुछ ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की है। मणिपुर की घटना से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तीखी प्रतिक्रियाओं से भरा हुआ है।
कांग्रेस महासचिव
ने महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा को दिल दहलाने वाला बताते हुए कहा कि हर समाज में महिलाओं और बच्चों को हिंसा का खामियाजा भुगतना पड़ता है। प्रियंका ने कहा – “मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हम सभी को एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए। मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री ने अपनी आंखें क्यों बंद कर ली हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं?”
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया- “…मणिपुर से परेशान करने वाले दृश्य, विशेष रूप से महिलाओं के खिलाफ अत्याचार, जो घृणित है, को देखकर व्यथित हूं। यह एकजुट होने, अपनी आवाज उठाने और मणिपुर के लोगों के लिए न्याय की मांग करने का समय है। पीएमओ के साथ गृह विभाग को मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए तुरंत आवश्यक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”
समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने कहा है- “केंद्र सरकार को ठोस कार्रवाई करनी चाहिए। मणिपुर के सीएम की वजह से कुप्रबंधन हुआ है। वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। अगर एक वर्ग को सीएम पर भरोसा नहीं है, तो शांति स्थापित नहीं हो सकती। पीएम अच्छे भाषण देते हैं लेकिन देश में क्या हो रहा है, इसके बारे में नहीं बोलेंगे। मणिपुर में आदिवासियों को पीटा जा रहा है और सीएम (अपराधियों) को बचा रहे हैं।”