हमास-इज़रायल युद्ध पर कांग्रेस का संतुलित बयान
भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार (7 अक्टूबर) को इजराइल हमले को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। इस दौरान मुंबई आतंकी हमले सहित देशभर में विभिन्न आतंकी घटनाओं का उदाहरण देते हुए बीजेपी ने कहा, “इजरायल आज जो झेल रहा है, वही भारत ने 2004-14 के बीच झेला। कभी माफ मत करो, कभी मत भूलो…”बीजेपी की ओर से जारी किए गए वीडियो में राहुल गांधी का एक बयान भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘हर आतंकवादी हमले को रोकना बहुत मुश्किल है.’
वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर साल 1977 का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें बीजेपी के दिग्गज नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इज़रायल और फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपनी राय रख रहे हैं। वायरल वीडियो साल 1977 में जनता पार्टी की विजय रैली का है, इस रैली में अटल बिहारी वाजपेयी फिलिस्तीन का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। वाजपेयी जी कहते नजर आ रहे हैं, “अरबों की जिस जमीन पर इज़रायल कब्जा करके बैठा है, वो जमीन उसको खाली करना होगी।
कांग्रेस भले ही वर्तमान परिस्थिति में संतुलित बयान देकर किसी भी तरह के विवाद में फंसने से बचना चाह रहा हो लेकिन कांग्रेस ने हमेशा ही फिलिस्तीनी का समर्थन किया है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए उस पर फिलिस्तीन के साथ पहले किए गए कमिटमेंट से हटने और अपना समर्थन पूरी तरह से इजरायल को देने का आरोप लगाया था।
इसके अलावा साल 2021 के जून महीने में कांग्रेस ने गाजा में इज़रायल और फिलिस्तीनियों के बीच चल रहे संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना की थी। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहते हैं कि, ‘कांग्रेस का हमेशा यह मानना रहा है कि फिलिस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाएं बातचीत के माध्यम से अवश्य ही पूरी की जानी चाहिए, वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी इजराइली चिंताओं का भी समाधान सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
देश में कुछ ही महीनों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में कांग्रेस नहीं चाहती की उनका एक भी बयान चुनावी माहौल में उनके खिलाफ जाए। यही कारण है कि फिलिस्तीन का समर्थक माने जाने वाले कांग्रेस ने इस पूरे मामले पर संतुलित बयान जारी किया है और पीएम के इज़रायल के समर्थन में किए गए बयान की आलोचना नहीं की।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने एक बयान में जहां एक तरफ इज़रायल के लोगों पर हुए भीषण हमले की निंदा की है, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि इस तरह की हिंसा कभी कोई समाधान नहीं देती है और इस पर रोक लगनी चाहिए।