आजम खान और उनके बेटे को मशीन चोरी मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत
सुप्रीम कोर्ट ने मशीन चोरी के एक मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी है। इस मामले में जमानत से इनकार करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में दोनों को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की और उन्हें राहत दी।
साल 2022 में आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान समेत कई अन्य लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि उन्होंने नगर पालिका परिषद, रामपुर जिले द्वारा खरीदी गई सड़क साफ करने वाली मशीन चुरा ली थी। इसके बाद, यह मशीन रामपुर स्थित खान के जौहर विश्वविद्यालय से बरामद की गई थी।
जस्टिस एम.एम.सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों और परिस्थितियों जिसमें अपीलकर्ताओं द्वारा जेल में बिताई गई अवधि भी शामिल है, को ध्यान में रखते हुए हम आदेश को खारिज करने एवं अपीलकर्ताओं को जमानत देने के लिए तैयार हैं क्योंकि इस संबंध में आरोप पत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है।’’
पीठ ने 10 फरवरी के अपने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए आदेश को रद्द किया जाता है और अपीलकर्ताओं को उन शर्तों व नियमों के अधीन जमानत प्रदान की जाती है, जो अधीनस्थ अदालत की संतुष्टि के अनुरूप हों।’’ शीर्ष अदालत ने अधीनस्थ अदालत से अपीलकर्ताओं पर यह शर्त लगाने को कहा कि वे मुकदमे की कार्यवाही खत्म होने तक सहयोग करेंगे और गवाहों को प्रभावित करने या उन्हें अपने पक्ष में करने का कोई प्रयास नहीं करेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ताओं पर लगाई गई किसी भी शर्त के उल्लंघन के मामले में प्रतिवादी को जमानत रद्द करने का अनुरोध करने की स्वतंत्रता भी दी जाती है।’’