आजाद का बयान आरएसएस की विचारधारा का समर्थन है: महबूबा मुफ्ती
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गुलाम नबी आजाद के हालिया बयान पर खेद व्यक्त करते हुए कहा कि यह बयान भाजपा और आरएसएस की विचारधारा का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि आजाद साहब ने वही बात कही है जो बीजेपी, आरएसएस और जनसंघ कह रहे हैं जिससे मैं हैरान हूं। पूर्व मुख्यमंत्री ने ये बातें सोमवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान व्यक्त कीं।
जब गुलाम नबी आजाद के उस हालिया बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के मुसलमान पहले हिंदू थे जिन्होंने बाद में इस्लाम अपनाया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं आजाद साहब के इस बयान से हैरान हूं।’ यहां पीट-पीट कर हत्या की जा रही है।
उन्होंने कहा, ‘गुलाम नबी आजाद ने आरएसएस और बीजेपी की सोच का समर्थन किया है, जिससे मैं बहुत हैरान हूं। मशाल मलिक के बारे में पूछे जाने पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मशाल मलिक कोई अपराधी नहीं है और यह पाकिस्तान की आंतरिक समस्या है।
उन्होंने कहा, ‘बीजेपी को पाकिस्तान की अंतरिम सरकार में मशाल मलिक के नामांकन से सबक लेना चाहिए। महबूबा मुफ्ती ने कहा और मेरी पार्टी अन्याय के खिलाफ लड़ती रहेगी, चाहे इसके लिए जेलमुझे ही क्यों जाना पड़े।
कौन हैं मशाल मालिक ?
मशाल मालिक टेरर फंडिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अलगाववादी नेता यासीन मलिक की पत्नी हैं। मलिक की 2005 में यासिन मलिक से मुलाक़ात हुई थी। उस समय यासिन पाकिस्तान के दौरे पर था और एक कार्यक्रम में उसने भाषण दिया था। यासिन ने उस कार्यक्रम में फैज अहमद फैज का एक शेर भी पढ़ा था।
बताया जाता है कि इस भाषण से मशाल मालिक इतनी प्रभावित हुई थी कि उसने यासिन का ऑटोग्राफ लिया था और इसके बाद से दोनों आपस में बातचीत करने लगे थे। बाद में दोनों ने परिवार की रजामंदी से 2009 में शादी कर ली थी। यह शादी पाकिस्तान के रावलपिंडी में हुई थी। वर्तमान में मशाल मलिक अपनी बेटी रजिया सुल्ताना के साथ पाकिस्तान के इस्लामाबाद में रहती है।