निरंकुश शासन देश के लिए घातक है: उद्धव ठाकरे

निरंकुश शासन देश के लिए घातक है: उद्धव ठाकरे

शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि निरंकुश शासन देश के लिए घातक है। उन्होंने यह कहते हुए केंद्र में गठबंधन सरकार की आवश्यकता बतायी कि ऐसे शासनों ने अतीत में ‘अच्छी तरह काम किया’ है। उन्होंने कहा कि मजबूत नेता की जरूरत है किंतु उसे सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।

अपने निवास मातोश्री में उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्ष में पहली बार देश में इतने बड़े पैमाने पर असंतोष नजर आ रहा है। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) के कई पदाधिकारी शिवसेना (यूबीटी) में शामिल हो गये।

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘‘ निरंकुश शासन देश के लिए घातक है। एक समय था जब यह महसूस किया गया कि गठबंधन सरकार नहीं होनी चाहिए। लेकिन पी वी नरसिंह राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह ने गठबंधन सरकारें अच्छी तरह चलायीं।” उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अपवादों को छोड़कर, देश में गठबंधन सरकारों ने काम किया है। हम एक मजबूत देश और एक गठबंधन सरकार चाहते हैं। हम एक मजबूत नेता चाहते हैं किंतु वह ऐसा व्यक्ति हो जो सभी को साथ लेकर चल सके।”

उन्होंने कहा, ‘‘कुछ अपवादों को छोड़कर, देश में गठबंधन सरकारों ने काम किया है। हम एक मजबूत देश और एक गठबंधन सरकार चाहते हैं। हम एक मजबूत नेता चाहते हैं किंतु वह ऐसा व्यक्ति हो जो सभी को साथ लेकर चल सके।’’ उन्होंने कहा कि विपक्षी ‘इंडिया गठबंधन’ सरकार दे सकता है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ने कहा कि महा विकास आघाडी के दल शीघ्र राज्य में संयुक्त रैलियां करेंगे।

बात दें कि 2019 लोकसभा चुनाव में शिवसेना बीजेपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों का गठबंधन था लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में अनबन हो गई। कोई भी दल मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। नतीजतन दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया। उसके बाद से दोनों पार्टियां एक दुसरे पर हमलावर रहती हैं।

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