आतिशी को आधिकारिक रूप से सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया गया था: एलजी
दिल्ली मुख्यमंत्री आवास से बाहर निकाले जाने के एक दिन बाद आतिशी अपने निजी आवास में CM ऑफिस का काम करती नजर आईं। दिल्ली मुख्यमंत्री ऑफिस की तरफ से इसका वीडियो भी शेयर किया गया। इसमें देखा जा सकता है कि आतिशी CM आवास से निकाले गए सामान के बीच बैठी हैं। इस दौरान उन्होंने एक फाइल पर साइन भी किए।
इन सबके सबके बीच उपराज्यपाल कार्यालय ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास को सील करने और मुख्यमंत्री आतिशी का सामान बाहर किए जाने पर बयान दिया है। उपराज्यपाल की तरफ से कहा गया है कि आतिशी को आधिकारिक रूप से सरकारी बंगला आवंटित नहीं किया गया था। इसके बावजूद उन्होंने अवैध रूप से सरकारी बंगले में घुसने की कोशिश की थी और जब आप किसी के घर में घुसते हैं, तो स्वाभाविक है कि उस घर का मालिक आपके खिलाफ कार्रवाई करेगा ही।
उपराज्यपाल कार्यालय ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा मुख्यमंत्री आतिशी ने सरकारी बंगले के लिए अनुरोध किया था, जो विचाराधीन था। अभी तक उन्हें अधिकृत रूप से बंगला आवंटित नहीं किया गया था। इसके बावजूद वे बंगले में दाखिल हुईं, जिसके परिणामस्वरूप लोक निर्माण विभाग ने उनके खिलाफ यह कार्रवाई की है।
CM आवास को लेकर विवाद तब बढ़ गया, जब 9 अक्टूबर को पीडब्ल्यूडी ने सिविल लाइंस में फ्लैगस्टाफ रोड पर बंगला नंबर 6 को सील कर दिया। इस बंगले में CM आतिशी 7 अक्टूबर को रहने आईं थीं। तीन दिन बाद उनसे बंगला खाली करा लिया गया। अधिकारी 9 अक्टूबर की सुबह 11-11:30 बजे सीएम आवास आए थे। उनके मुताबिक, घर का हैंडओवर करने में नियमों का पालन नहीं किया गया था। आतिशी के पास इस घर की चाबियां थीं, लेकिन उन्हें घर अलॉट किए जाने के आधिकारिक दस्तावेज नहीं दिए गए थे। अधिकारियों ने दोपहर तक घर की चाबियां ले लीं।
आम आदमी पार्टी का कहना है कि केंद्र सरकार मुख्यमंत्री का सरकारी बंगला भाजपा नेता को आवंटित करना चाहती है, जबकि नियमों के अनरूप यह बंगला मुख्यमंत्री को आवंटित किया जाता है, लेकिन केंद्र सरकार इन नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कर रही है, जिसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं।