UAPA केस में न्यूज क्लिक के एडिटर की गिरफ्तारी अवैध: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार (15 मई) को NewsClick(न्यूज क्लिक) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तारी और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 (UAPA Act) के तहत मामले में उनकी रिमांड को अवैध घोषित किया। अदालत ने कहा कि 4 अक्टूबर, 2023 को रिमांड आदेश पारित करने से पहले अपीलकर्ता या उसके वकील को रिमांड आवेदन की कॉपी नहीं दी गई थी। इसलिए अदालत ने माना कि गिरफ्तारी और रिमांड निरर्थक हैं।
अदालत के मन में इस निष्कर्ष पर पहुंचने में कोई झिझक नहीं है कि लिखित रूप में गिरफ्तारी के आधार के संचार के कथित अभ्यास में रिमांड आवेदन की कॉपी आरोपी-अपीलकर्ता या उसके वकील को 4 अक्टूबर, 2023 के रिमांड आदेश के पारित होने से पहले प्रदान नहीं की गई, जो अपीलकर्ता की गिरफ्तारी और उसके बाद की रिमांड को रद्द कर देता है। परिणामस्वरूप, अपीलकर्ता पंकज बंसल मामले में इसके द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर हिरासत से रिहाई के निर्देश का हकदार है।“
सुप्रीम कोर्ट ने पुरकायस्थ की गिरफ्तारी और रिमांड को कानून की नजर में अवैध बताया और उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। हालांकि, कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो चुकी है, ऐसे में उनकी रिहाई ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के अनुसार जमानत और बांड प्रस्तुत करने पर निर्भर होगी। दरअसल, दिल्ली पुलिस ने न्यूज क्लिक में चीनी फंडिंग से भारत विरोधी गतिविधियों के आरोप में पुरकायस्थ को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे जेल में थे। पुरकायस्थ ने दिल्ली पुलिस द्वारा उनकी गिरफ्तारी और रिमांड को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
दिल्ली पुलिस की FIR के मुताबिक, भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए न्यूज पोर्टल को बड़ी राशि चीन से मिली थी। दिल्ली पुलिस का आरोप है कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह – पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ भी साजिश रची थी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस संदीप मेहता ने इस मामले में 30 अप्रैल को सुनवाई पूरी कर ली थी। पुरकायस्थ पिछले साल 3 अक्टूबर से UAPA के तहत जेल में थे। कोर्ट में पुरकायस्थ की ओर से कपिल सिब्बल ने दलीलें रखीं।