अमित शाह प्रधानमंत्री, मोदी गृह मंत्री, कांग्रेस ने बताया नया एजेंडा
भाजपा के दिग्गज नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की जबान क्या फिसली, नए राजनीतिक विवाद ने जन्म ले लिया ।
अपने भाषण के दौरान असम के मुख्यमंत्री ने नरेंद्र मोदी को गृहमंत्री और अमित शाह को प्रधानमंत्री कह दिया जिसके बाद राज्य में नया सियासी विवाद पैदा हो गया।
भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के बयान पर सफाई देते हुए कहा गया कि यह एक मानवीय भूल थी जबकि कांग्रेस समेत विपक्ष इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कह रहा है कि यह अमित शाह को अगले प्रधानमंत्री के रूप में बढ़ावा देने की एक मुहिम है।
असम सरकार के 1 साल पूरा होने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री एक भूल कर बैठे। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी उपस्थित थे। सीएम सरमा ने अपने भाषण में कहा कि प्रधान मंत्री अमित शाह और हमारे प्रिय गृह मंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए उनका आभार।
भाजपा को घेरने के लिए विपक्षी दल लगभग 15 सेकंड के इस वीडियो का उपयोग करते हुए अतीत का उदहारण देते हुए भाजपा नेताओं के नामों में हुए फेरबदल को एजेंडा बता रहे हैं।
कांग्रेस ने सरमा की क्लिप को शेयर करते हुए कहा कि जब सर्बानंद जी राज्य के मुख्यमंत्री थे तब सांसद पल्लब लोचनदास ने कई अवसर पर कैबिनेट मंत्री हेमंत बिस्वा जी को सार्वजनिक रूप से मुख्यमंत्री के रूप में संदर्भित किया था । क्या भाजपा ने नरेंद्र मोदी के स्थान पर अपना अगला प्रधानमंत्री तय कर लिया है या प्रधानमंत्री के रुप में अमित शाह को प्रमोट करने के लिए कैंपेन चलाया जा रहा है।
असम जातीय परिषद ने भी हेमंत बिस्वा सरमा की इस क्लिप को बहाना बनाते हुए भाजपा पर जमकर हमला साधा। एजेपी के प्रवक्ता जियाउर रहमान ने ट्वीट करते हुए दावा कहा कि यह एक मानवीय भूल ही नहीं है। शाह को प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित करना जुबान फिसलना नहीं बल्कि यह उनकी रणनीति का एक हिस्सा है।
जियाउर रहमान ने भी सोनेवाल सरकार के कार्यकाल के अंत में बिस्वा सरमा को लोक सभा सांसद लोचनदास द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में संबोधित किए जाने का उल्लेख किया। रहमान ने कहा कि इस तरह के संबोधन के पीछे छुपा मुख्य एजेंडा बाद में स्पष्ट हो गया। अतः आज के संदर्भ में मुख्यमंत्री द्वारा अमित शाह को प्रधानमंत्री के रूप में संबोधित करने के पीछे के एजेंडे को समझना कोई मुश्किल नहीं है।