मुख़्तार की मौत पर अखिलेश का बयान, ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है

मुख़्तार की मौत पर अखिलेश का बयान, ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी के निधन के बाद अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर कई सवाल खड़े किए। अखिलेश ने जहां एक तरफ जांच की मांग की वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उप्र सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है, ये यूपी में कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

अखिलेश ने सोशल मीड‍िया प्‍लेटफार्म एक्‍स पर शुक्रवार की सुबह एक पोस्‍ट में ल‍िखा, “हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

थाने में बंद रहने के दौरान – जेल के अंदर आपसी झगड़े में – ⁠जेल के अंदर बीमार होने पर – न्यायालय ले जाते समय – ⁠अस्पताल ले जाते समय – ⁠अस्पताल में इलाज के दौरान – ⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर – ⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर – ⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जांच होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैरक़ानूनी हैं। जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं। उप्र ‘सरकार अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।”

जेल में बंद मुख्तार अंसारी की गुरुवार को तबीयत बिगड़ी जिस के बाद उन्हें फौरन बांदा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां 9 डॉक्टरों की टीम उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मुख्तार को बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को मुख्तार के शव का परिवार की मौजूदगी में पोस्ट मार्टम चल रहा है। जिस के बाद उनको गाजीपुर के मोहम्मदाबाद के कालीबाग कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा।

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