अखिलेश यादव एक बार फिर आजमगढ़ से लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने कमर कस ली है। हर पार्टी का उम्मीदवार अपनी पसंदीदा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहता है। चुनाव के मद्देनज़र सभी पार्टियां गठबंधन करने में भी जुई हुई हैं। कुल मिलाकर इस बार 2024 लोकसभा चुनाव की लड़ाई दिलचस्प होने जा रही है।
2024 के लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने मंथन शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव एक बार फिर से आजमगढ़ से चुनाव लड़ सकते हैं। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें सीट बंटवारे को लेकर के फिलहाल मंथन चल रहा है। सूत्रों की माने तो समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक बार फिर से आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं।
साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव अलग-अलग सीटों पर प्रत्याशियों का मंथन कर रहे हैं। पिछले दिनों अखिलेश यादव के कन्नौज, उनकी पत्नी डिंपल यादव के मैनपुरी, अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव के आजमगढ़ से, धर्मेंद्र यादव के बदायूं, अक्षय यादव के फिरोजाबाद से लड़ने की चर्चाएं पार्टी के अंदर चल रहीं थी।
अब पार्टी सूत्रों की माने तो फिलहाल शिवपाल यादव अपनी पुरानी सीट जसवंत नगर नहीं छोड़ना चाहते हैं। जिस कारण अखिलेश यादव खुद आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं, हालांकि अभी अंतिम घोषणा होनी बाकी है। भारतीय जनता पार्टी की लहर में भी 2014 में आजमगढ़ की सीट सपा जीती थी। समाजवादी पार्टी की ओर से 2019 में अखिलेश यादव इसी सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे।
हालांकि 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश यादव ने करहल से चुनाव लड़ा और वह जीत गए। इसके बाद आजमगढ़ की लोकसभा सीट को उनको खाली करना पड़ा फिर अखिलेश यादव ने अपने भाई धर्मेंद्र यादव को चुनाव लड़ाया।
लेकिन खिलेश यादव के भाई भाई धर्मेंद्र यादव जो कि अपने भाई अखिलेश यादव की सीट से चुनाव लड़ रहे थे, बसपा से गुड्डू जमाली के चुनाव लड़ने के कारण मतों के बंटवारा होने पर करीब 8000 वोट से चुनाव हार गए और यह सीट भारतीय जनता पार्टी के खाते में चली गई जहां से दिनेश लाल यादव निरहुआ फिलहाल सांसद है।