महाराष्ट्र चुनाव की तारीख का ऐलान के बाद, इम्तियाज जलील और मनोज जरांगे की मुलाकात

महाराष्ट्र चुनाव की तारीख का ऐलान के बाद, इम्तियाज जलील और मनोज जरांगे की मुलाकात

मंगलवार को चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान किया, जिसके तुरंत बाद मनोज जरांगे ने अपने पैतृक जिले जालना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और बीजेपी को हराने का ऐलान किया। लेकिन शाम होते-होते राजनीतिक हलकों में खलबली मच गई, जब मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील मनोज जरांगे से मुलाकात के लिए जालना पहुंचे। दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई और दोनों ने जल्द ही किसी बड़े ऐलान का संकेत दिया।

ध्यान रहे कि मनोज जरांगे पिछले सवा साल से मराठा आरक्षण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एकनाथ शिंदे की सरकार उन्हें आश्वासन देकर बहलाती रही है। मनोज जरांगे ने घोषणा कर रखी थी कि अगर आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार ने मराठा समाज को ओबीसी वर्ग में आरक्षण नहीं दिया, तो वे कोई बड़ा राजनीतिक कदम उठाएंगे। वह अपनी तरफ से मराठा उम्मीदवार भी खड़ा कर सकते हैं, जो महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों के उम्मीदवारों को हरा सकते हैं। यही कारण है कि मंगलवार की शाम जब इम्तियाज जलील मनोज जरांगे से मिलने पहुंचे तो चर्चाएं शुरू हो गईं।

मीडिया ने जब मनोज जरांगे से सवाल किया, तो उन्होंने कहा, “जब मैं अस्पताल में था, तब भी यह मुझसे मिलने आए थे। फिर जब मैं भूख हड़ताल पर बैठा था, तब भी उन्होंने मुझसे मुलाकात की थी। आज फिर यह आए हैं। हमारे बीच राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसकी जानकारी हम अगले 2-3 दिनों में देंगे।” मीडिया ने बातचीत के बारे में और जानकारी जाननी चाही, तो जरांगे ने जवाब दिया, “राजनीति में सारे पत्ते एक साथ नहीं खोले जाते। समय आने पर हम अपने पत्ते खोलेंगे।” उन्होंने कहा, “हम आम आदमी को बचाने और उसे न्याय दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।”

वहीं इम्तियाज जलील ने कहा कि “मनोज जरांगे शुरू से कह रहे हैं कि वह सभी वर्गों को साथ लेकर समाज में बदलाव लाना चाहते हैं। वह जाति और धर्म के भेदभाव के बिना जनता को न्याय दिलाने के लिए विधानसभा चुनाव में भाग लेना चाहते हैं। ऐसे में इस समय सबसे ज्यादा जरूरत सोशल इंजीनियरिंग की है। इन्हीं सभी बातों पर चर्चा के लिए हम मिले थे।”

इम्तियाज जलील ने कहा, “मैं मनोज जरांगे का प्रशंसक हूं क्योंकि वह एक सामान्य किसान परिवार से आते हैं, लेकिन उनके दिल में अपने समाज का दर्द है और वह अपने समाज के अधिकारों के लिए मैदान में उतरे हैं। उनकी सच्चाई को देखते हुए पूरा समाज उनके साथ खड़ा हो जाता है।” इम्तियाज जलील ने कहा, “हमारे बीच कुछ बातचीत हुई है। आगे हम और चर्चा करेंगे।

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