लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद, एनसीपी (अजित पवार गुट) के चार बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ी
लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एनसीपी (अजित पवार गुट) को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी के चार प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है। यह निर्णय पार्टी के लिए बड़े संकट का कारण बन सकता है। चार बड़े नेता, जिनमें से प्रत्येक का पार्टी और उनके क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रभाव था, ने अपने इस्तीफे की घोषणा की है। इनमें प्रमुख नेता शरद पाटील, रवींद्र देशमुख, सुमित्रा शिंदे और अरविंद यादव शामिल हैं। इन नेताओं का पार्टी छोड़ना एनसीपी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, खासकर जब पार्टी को चुनावों में पहले से ही निराशा का सामना करना पड़ा है।
अजित पवार की प्रतिक्रिया
पार्टी छोड़ने के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रमुख अजित पवार ने कहा कि यह पार्टी के लिए कठिन समय है, लेकिन वे उम्मीद करते हैं कि पार्टी इस संकट से उभरने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा, “हमारे नेताओं का जाना दुखद है, लेकिन पार्टी को मजबूत करने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन नेताओं के इस्तीफे से एनसीपी (अजित पवार गुट) को आगामी विधानसभा चुनावों में और भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। विश्लेषकों का कहना है कि पार्टी को अब अपनी रणनीति में बड़े बदलाव करने की जरूरत होगी, ताकि वे अपने वोट बैंक को मजबूत कर सकें और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा
पार्टी कार्यकर्ताओं में भी इस खबर से निराशा का माहौल है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन नेताओं के जाने से पार्टी की एकता पर असर पड़ेगा और इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल भी गिर सकता है। एक कार्यकर्ता ने कहा, “हमारे लिए यह एक बड़ा झटका है, लेकिन हमें उम्मीद है कि पार्टी इस संकट से उभरने में सक्षम होगी। एनसीपी (अजित पवार गुट) के सामने अब एक बड़ी चुनौती है। पार्टी को न केवल इन इस्तीफों के कारण उत्पन्न हुए संकट से निपटना होगा, बल्कि आगामी चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नए रणनीतियों को अपनाना होगा। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब एकजुट होकर इस संकट से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में पार्टी की आगे की रणनीति पर सभी की नजरें होंगी।
वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल भी छोड़ सकते हैं अजित पवार का साथ
ऐसी भी अटकलें हैं कि महाराष्ट्र के मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल अजित पवार का साथ छोड़ सकते हैं। पिछले महीने महा विकास अघाड़ी का हिस्सा शिवसेना (यूबीटी) के एक वरिष्ठ नेता ने भुजबल से मुलाक़ात की थी। सूत्रों ने बताया कि भुजबल इस बात से नाराज़ थे कि अजित पवार ने बारामती लोकसभा चुनाव में सुप्रिया सुले से हारने के बाद अपनी पत्नी सुनेत्रा को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया था। प्रभावशाली ओबीसी नेता भुजबल राज्यसभा सीट और उसके बाद केंद्रीय मंत्री पद के लिए दावेदारी कर रहे थे।