दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद, बिहार के कोचिंग संस्थानों की जांच शुरू
बिहार: दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद पटना सहित राज्य के अन्य जिलों में कोचिंग संस्थानों की जांच का सिलसिला शुरू हो गया है। इस सिलसिले में पटना के डीएम चंद्रशेखर ने बुधवार को पटना के कोचिंग मालिकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की जिसमें एसएसपी, सिटी कमिश्नर और अन्य उच्च अधिकारी भी मौजूद थे। बैठक के बाद डीएम ने बताया कि इसमें कोचिंग मालिकों से सुरक्षा मानकों का ध्यान रखने और जिन कोचिंग संस्थानों का अब तक पंजीकरण नहीं हुआ है उन्हें एक महीने के अंदर पंजीकरण कराने का निर्देश दिया गया है।
इसमें पंजीकरण के नियमों और विनियमों के अनुसार कोचिंग संस्थानों में आग से बचाव, निकलने का गेट, बच्चों के बैठने की उचित जगह आदि के नियमों का पालन करने का आदेश दिया गया है। कोचिंग संस्थानों को मानकों के अनुसार बनाए जाने के लिए एक महीने का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कोचिंग हादसे के मद्देनजर पटना में जिला प्रशासन ने सभी डिविजन के संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे सभी कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण के दस्तावेजों की जांच का आदेश दिया है।
दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद राज्य भर में कोचिंग संस्थानों में जांच का आदेश जारी किया गया है। पटना के डीएम डॉ. चंद्र शेखर सिंह के नेतृत्व में 5 सदस्यीय जांच टीम मंगलवार की सुबह से देर रात तक छात्रों के हित में कोचिंग संस्थानों के सुरक्षा मानकों की जांच करती नजर आई। एसडीएम पटना के नेतृत्व में फायर ऑफिसर, शिक्षा विभाग के अधिकारी, लॉ एंड ऑर्डर डीएसपी और पुलिस कर्मियों ने पटना के घनी आबादी वाले इलाके पीरबहोर के नयाटोला गोपाल मार्केट में स्थित दर्जनों निजी कोचिंग सेंटर्स की सुरक्षा दृष्टिकोण से छानबीन की है।
जांच के दौरान अधिकतर कोचिंग संस्थानों में काफी अव्यवस्था और अनियमितता पाई गई। दिल्ली कोचिंग हादसे के बाद मंगलवार से पटना सहित राज्य के सभी जिलों में कोचिंग संस्थानों की छानबीन की जा रही है। मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले कोचिंग संस्थान बंद किए जा रहे हैं। इस दौरान बुधवार को राजधानी पटना के कई कोचिंग संस्थानों में ताले लटके दिखाई दिए और कोचिंग कक्षाएं स्थगित कर दी गईं, जिसमें कदम कुआं थाना के मुसल्लहपुर स्थित खान सर का कोचिंग संस्थान भी शामिल है। कोचिंग संस्थान बंद होने की वजह से छात्रों में अफरातफरी और भय का माहौल है, हालांकि छात्रों का कहना है कि जिला मजिस्ट्रेट की ओर से यह एक सकारात्मक कदम है जो छात्रों के हित में है।
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि राज्य सरकार कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की सुरक्षा के प्रति चिंतित है। वह बुधवार को जेडीयू कार्यालय में आयोजित ‘जन सुनवाई कार्यक्रम’ के दौरान पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सुरक्षा प्रबंधों में कमी पाए जाने पर कोचिंग संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों से कहा गया है कि वे जांच में लापरवाही न बरतें। उन्होंने कहा कि दिल्ली का हादसा दुखद है। सरकार की कोशिश है कि इस तरह का हादसा बिहार में न हो।
इस सिलसिले में शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि बिहार कोचिंग संस्थान अधिनियम 2010 की धाराओं के तहत पुनः कोचिंग संस्थानों को गाइडलाइन जारी की जाएगी। इस दौरान कोचिंग संस्थानों की जांच जारी रहेगी। विदित हो कि राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर के तहखाने में पढ़ रहे तीन छात्र अचानक पानी भर जाने की वजह से मृत पाए गए, जिसके बाद सरकार ने सख्त कार्रवाई की है। इसी हादसे के बाद कोचिंग संस्थानों की जांच का आदेश दिया गया है। अब देखना है कि इस हादसे के बाद पटना और अन्य शहरों के कोचिंग संस्थानों में सुधार के लिए कदम उठाए जाते हैं या नहीं।