डल्लेवाल के आमरण अनशन के बाद अब सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन के 54 दिन बाद अब सरकार ने किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। केंद्र सरकार की तरफ से बातचीत की पेशकश किए जाने के बाद डल्लेवाल इलाज के लिए राजी हो गए हैं। पंजाब के किसान-कार्यकर्ता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी में लगभग दो महीने तक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बाद शनिवार को चिकित्सा सहायता स्वीकार करने पर सहमति जताई।
डल्लेवाल की हालत अब बेहद नाजुक स्थिति में पहुँच गई थी। वैसे तो किसान पिछले साल फरवरी महीने से ही अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन डल्लेवाल के अनशन के क़रीब दो महीने होने को आए तब सरकार की ओर से बातचीत करने की पहल की गई है। फिलहाल, सरकार के इस फ़ैसले के बाद चिकित्सा सहायता के लिए वह सहमत हुए और उनको ड्रिप चढ़ाई जा रही है।
केन्द्र ने किसान आंदोलन का समाधान निकालने के लिए पहल की है। शनिवार को केंद्र से एक डेलिगेशन पंजाब और हरियाणा के शंभू व खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में पहुंचा और उन्हें मीटिंग का न्योता दिया। केन्द्रीय अधिकारियों ने इस दौरान किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनशन तोड़ने का भी निवेदन किया।
कृषि और किसान कल्याण विभाग के जॉइंट सेक्रेटरी प्रियरंजन के नेतृत्व में केंद्रीय डेलिगेशन ने किसान नेताओं से बातचीत की। केंद्र की ओर से मीटिंग का एक लिखित पत्र आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को सौंपा गया। बता दें की डल्लेवाल के अनशन का आज 55वां दिन हैं।
संयुक्त सचिव प्रिया रंजन के नेतृत्व में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल से मुलाकात की और उनके संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद प्रिया रंजन ने एक प्रस्ताव पढ़ा जिसमें डल्लेवाल से अपनी भूख हड़ताल ख़त्म करने का आग्रह किया गया और किसान नेताओं को 14 फरवरी को शाम 5 बजे चंडीगढ़ में एक बैठक के लिए आमंत्रित किया गया। यह निमंत्रण डल्लेवाल और एसकेएम (एनपी) और केएमएम के समन्वयक सरवन सिंह पंढेर को दिया गया।