अडानी समूूह ने श्रीलंका की अरबों डॉलर की परियोजना से हाथ खींच लिया
अमेरिकी कोर्ट में रिश्वत देने के आरोपों का सामना कर रहे गौतम अडानी ने एक काम से अपने हाथ पीछे कर लिए हैं। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी पोर्ट्स ने कहा है कि वह श्रीलंका में अपने एक पोर्ट प्रोजेक्ट में अब अमेरिका की मदद नहीं लेगी। कंपनी ने कहा है कि वह इस प्रोजेक्ट के लिए अपने ही संसाधनों का इस्तेमाल करेगी।
अरबपति गौतम अडानी के समूह की अक्षय ऊर्जा शाखा अडानी ग्रीन एनर्जी ने श्रीलंका में प्रस्तावित दो पवन ऊर्जा परियोजनाओं से हाथ खींच लिया है, क्योंकि द्वीपीय देश की नई सरकार ने टैरिफ पर फिर से बातचीत करने का फैसला किया है।
फर्म ने एक बयान में कहा, “अडानी ग्रीन एनर्जी ने बोर्ड को श्रीलंका में अक्षय ऊर्जा (आरई) पवन ऊर्जा परियोजना और दो ट्रांसमिशन परियोजनाओं में आगे की भागीदारी से सम्मानपूर्वक हटने के अपने फैसले से अवगत करा दिया है।”
कंपनी को दो परियोजनाओं में पवन से बिजली पैदा करने और इसे उपयोगकर्ताओं तक ले जाने के लिए ट्रांसमिशन लाइनें बिछाने में कुल 1 बिलियन अमरीकी डालर का निवेश करना था। यह योजना राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के तहत नव निर्वाचित प्रशासन की जांच के दायरे में आई, जो बिजली की लागत को कम करना चाहते थे।
अडानी ग्रीन एनर्जी के अनुसार, हम श्रीलंका के प्रति प्रतिबद्ध हैं और अगर श्रीलंका सरकार चाहे तो भविष्य में सहयोग के लिए तैयार हैं।” हालांकि, अडानी समूह कोलंबो में श्रीलंका के सबसे बड़े बंदरगाह पर 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर की टर्मिनल परियोजना में निवेश करना जारी रखेगा।