“संचार साथी ऐप” को एक्टिवेट करना पूरी तरह से वैकल्पिक है: ज्योतिरादित्य सिंधिया

“संचार साथी ऐप ” को एक्टिवेट करना पूरी तरह से वैकल्पिक है: ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार, 2 दिसंबर को संचार साथी ऐप को लेकर उठे विवाद पर स्पष्टता दी है। उन्होंने कहा कि इस ऐप को सक्रिय करना पूरी तरह वैकल्पिक है और इसे इस्तेमाल करना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि राज्य द्वारा विकसित यह ऐप किसी तरह की जासूसी या कॉल मॉनिटरिंग के लिए नहीं बनाया गया है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फोन निर्माता कंपनियों को दिए गए केंद्र के निर्देशों को लेकर उठे विवाद पर कहा, “यदि आप चाहें तो इसे एक्टिवेट कर सकते हैं, यदि नहीं तो छोड़ सकते हैं। संचार साथी ऐप को हटाना या इस्तेमाल न करना पूरी तरह आपके चुनाव पर निर्भर है।” उनका कहना था कि इस निर्देश का उद्देश्य केवल साइबर धोखाधड़ी और ऑनलाइन फ्रॉड को रोकने के लिए एक टूल तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करना है।

इस बयान के पहले, दूरसंचार विभाग (DoT) ने सभी स्मार्टफोन निर्माताओं को नए मोबाइल में ऐप को पहले से इंस्टॉल करने का आदेश दिया था। जिन डिवाइसों में यह पहले से नहीं है, उन्हें यह अपडेट के जरिए उपलब्ध कराया जाएगा। इस आदेश के कारण स्मार्टफोन कंपनियों और सरकार के बीच मतभेद के साथ-साथ डेटा कलेक्शन और यूज़र की सहमति को लेकर राजनीतिक बहस भी तेज हो गई है।

विशेषज्ञों और नागरिकों ने सोशल मीडिया पर ऐप के व्यापक परमिशन को लेकर चिंता जताई है। ऐप डाउनलोड करने के बाद कैमरा, कॉल, मैसेज, लोकेशन जैसी जानकारी तक पहुंच की अनुमति मांगता है। हालांकि वाट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम, गूगल मीट और ज़ूम जैसी एप्स भी इसी तरह की अनुमति मांगती हैं, लेकिन उपयोगकर्ता के पास इन ऐप्स में अनुमति देने या न देने का विकल्प होता है। वहीं संचार साथी ऐप में सरकार ने इसे नए मोबाइल में इंस्टॉल करना अनिवार्य कर दिया था, जबकि पुराने फोन में इसे अपडेट के माध्यम से लगाया जाएगा।

इस आदेश के बाद विपक्ष ने इसे सीधे तौर पर जासूसी का साधन बताने की कोशिश की है, जबकि सरकार का दावा है कि यह केवल साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है। जनता और तकनीकी विशेषज्ञ इस ऐप की प्राइवेसी और डेटा सुरक्षा को लेकर सतर्क हैं और इसके उपयोग को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। कुल मिलाकर, संचार साथी ऐप को इंस्टॉल करना वैकल्पिक है, लेकिन इसके व्यापक परमिशन और डेटा एक्सेस के कारण उपयोगकर्ताओं में चिंता बनी हुई है।

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