पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को 10 साल जेल की सजा
पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल होने के बाद से लगातार इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान और पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को गोपनीय सूचना लीक करने के मामले 10-10 साल जेल की सजा सुनाई गई है। दोनों को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत गठित की गई विशेष अदालत ने गोपनीय सूचना लीक करने का दोषी पाया।
इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। जेल से ही इमरान खान और शाह महमूद कुरैशी अदालत की सुनवाई में वर्चुअली शामिल हुए। इमरान खान को जिस सिफर मामले में दोषी ठहराया गया है वह एक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। इमरान खान पर बेहद खुफिया सूचना के निजी इस्तेमाल करने का आरोप है।
पाकिस्तान की सत्ता हाथ से निकलने के बाद इमरान खान ने आरोप लगाया था कि उन्हें बेदखल करने के पीछे अमेरिका का हाथ है। उन्होंने कहा था कि वाशिंगटन स्थित पाक एम्बेंसी ने उन्हें एक केबल (गुप्त जानकारी) भेजा था। आरोप है कि इमरान खान ने राजनीतिक फायदे के लिए विवादित राजनयिक बातचीत को सार्वजनिक कर दिया था। इसे ‘सिफर’ कहा गया। और इसी मामल में उन्हें 10 साल सजा हुई है।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। पीटीआई ने बयान जारी कर कहा है कि उनकी कानूनी टीम इस फैसले को उच्च अदालत में चुनौती देगी। पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मामले की सुनवाई के दौरान मीडिया या आम जनता को शामिल नहीं होने दिया गया और जल्दबाजी में फैसला सुनाया गया है।
पीटीआई ने कहा कि मार्च-अप्रैल 2022 को जो हुआ, उसे कोई भी अदालती सुनवाई नहीं बदल सकती। इस मामले में कानून का मजाक उड़ाया गया है। पार्टी ने लोगों से 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव में ‘हकीकी आजादी’ के लिए वोट करने की अपील की। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ अब तक 150 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं।
इमरान खान को उनके खिलाफ चल रहे दूसरे मामले में दोषी ठहराया गया है। इससे पहले तोशाखाना मामले में भी इमरान खान को बीती 5 अगस्त को दोषी ठहराया गया था। तोशाखाना मामले में इमरान खान को तीन साल जेल की सजा सुनाई गई थी।