महाराष्ट्र की 288 सीटों पर दोपहर 3 बजे तक 45.53% मतदान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तहत सोमवार को राज्य की 288 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रक्रिया जारी है। दोपहर 3 बजे तक कुल 45.53% मतदान दर्ज किया गया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं।
चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्यभर में 1.2 लाख से अधिक मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां सुरक्षा बलों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि अब तक किसी बड़े व्यवधान या हिंसक घटना की सूचना नहीं मिली है।
राजनीतिक दलों की प्रतिष्ठा दांव पर
इस चुनाव में सत्ताधारी भाजपा-शिवसेना गठबंधन और विपक्षी कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। दोनों ही गठबंधनों ने मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए बड़े-बड़े वादे किए हैं। इसके अलावा, छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी कई सीटों पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भागीदारी
मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। युवा, बुजुर्ग और महिलाएं लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। कई मतदान केंद्रों पर पहली बार वोट डालने आए युवाओं का उत्साह देखते ही बन रहा है।
चुनाव की कुछ खास बातें:
मुंबई, पुणे, नागपुर जैसे शहरी क्षेत्रों में मतदान दर धीमी रही, लेकिन ग्रामीण इलाकों में मतदाता ज्यादा सक्रिय नजर आए।ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही लंबी कतारें देखने को मिलीं, जहां महिलाएं बड़ी संख्या में मतदान के लिए आईं।शहरी इलाकों में दोपहर बाद मतदान दर में तेजी आई है।चुनाव के दौरान कुछ स्थानों पर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट में तकनीकी खराबी की शिकायतें सामने आईं, लेकिन चुनाव आयोग की तकनीकी टीमों ने इन समस्याओं को तुरंत हल कर दिया।
राज्य में कुल 8.9 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें से 4.3 करोड़ पुरुष, 4.2 करोड़ महिलाएं और 2,523 अन्य शामिल हैं। चुनाव आयोग को उम्मीद है कि शाम तक मतदान प्रतिशत 60% से अधिक हो सकता है। मतदान प्रक्रिया शाम 6 बजे तक चलेगी। इसके बाद सभी ईवीएम को सुरक्षा के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में ले जाया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी सुरक्षा प्रबंधों का पालन करते हुए मतगणना 24 नवंबर को की जाएगी।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि मतदान प्रतिशत में वृद्धि सत्ता परिवर्तन या सत्ताधारी गठबंधन की स्थिति को प्रभावित कर सकती है। खासकर, ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों के मतदाताओं का रूझान चुनाव परिणामों में अहम भूमिका निभा सकता है। इस चुनाव में सभी वर्गों की भागीदारी देखी गई है। कामकाजी लोग सुबह जल्दी मतदान करने पहुंचे, जबकि गृहिणियां और वरिष्ठ नागरिकों ने दोपहर के समय मतदान किया।
मतदाताओं से अपील
चुनाव आयोग और सभी राजनीतिक दलों ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने मतदान का अधिकार अवश्य इस्तेमाल करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाएं।