यूपी सरकार का 22,000 मेगावॉट सौर ऊर्जा पैदा करने का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले पांच वर्षों में सौर ऊर्जा से 22 हजार मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नई सौर नीति 2022 को मंजूरी दी गई.नीति का विवरण देते हुए ऊर्जा राज्य मंत्री एके शर्मा ने कहा, ”नई नीति में अगले पांच वर्षों में 22 हजार मेगा वाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 14,000 मेगावाट सौर ऊर्जा , पार्कों और खुले स्थानों से उत्पन्न होगा, जबकि 4,500 मेगावाट सौर छतों (आवासीय भवनों पर सौर पैनल स्थापित करके) और 1,500 मेगावाट गैर-आवासीय छतों पर पैनल स्थापित करके उत्पन्न किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा किसानों के खेतों में सोलर पैनल लगाकर 2000 मेगावॉट सौर ऊर्जा प्राप्त करने का भी लक्ष्य रखा गया है. नीति के अनुसार सरकार सौर ऊर्जा भंडारण की व्यवस्था में अनुदान देगी। शर्मा ने कहा कि कैबिनेट ने फैसला किया है कि बुंदेलखंड पूर्वांचल जैसे पिछड़े इलाकों में सौर परियोजनाओं के लिए 20 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन बनाने का खर्च सरकार वहन करेगी।
यह सोलर पंप के आकार पर निर्भर करेगा. 5 मेगावॉट का प्रोजेक्ट लगेगा तो 10 किमी लाइन बिछाई जाएगी इसी तरह 50 मेगावॉट का प्रोजेक्ट होगा तो ट्रांसमिशन नेटवर्क के लिए 20 किमी लाइन बिछाई जाएगी। इस पर करीब 65 से 70 लाख रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने कहा कि सोलर पार्कों के संबंध में यह निर्णय लिया गया है कि अगर यह सार्वजनिक उद्यमों द्वारा बनाया जाता है तो सरकार एक रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन को पट्टे पर देगी। और अगर निजी क्षेत्र द्वारा बनाया जाता है, तो जमीन 15000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दी जाएगी। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि नई नीति में अपनी संपत्तियों पर सोलर पैनल लगाने वालों को नेट मीटरिंग की सुविधा दी जाएगी. अभी तक नेट बिलिंग की सुविधा दी जा रही थी लेकिन अब नेट मीटरिंग की भी सुविधा दी जायेगी।