भारत को अब नेपाल के रास्ते घेरेगा चीन ? बना रहा है एयरपोर्ट भारत और चीन के बीच एक लंबे समय से तनातनी चल रही है भले ही दोनों देशों के बीच विवाद भले ही पूर्वी लद्दाख में चल रहा हो, लेकिन चीन की तैयारियां भारत की सीमा के आस-पास हर जगह देखने को मिल रही हैं। चीन उन स्थानों पर भी भारत को घेर रहा है जिन पर चीन का कोई अधिकार नही है।
समय समय पर ख़बरें मिलती रही हैं कि भारत-नेपाल और भारत-तिब्बत के सीमावर्ती इलाकों में चीन गांव बसा रहा है और अपनी सेना को नागरिकों के तौर पर वहां बसा भी रहा है, लेकिन अब इनपुट ये भी मिले हैं कि चीन इन इलाकों में अपने एयरपोर्ट के निर्माण को भी तेज़ी से पूरा कर रहा है।
सुरक्षा एजेंसी को मिली जानकारी के मुताबिक चीन, अपनी नेपाल सीमा के करीब टिंगरी काउंटी पर एक नया एयरपोर्ट बना रहा है। वैसे तो ये टिंगरी काउंटी तिब्बत का इलाका है, लेकिन ये जिस जगह है वो बेहद संवेदनशील है। इस इलाके से न सिर्फ चीन, नेपाल के बेहद करीब है, बल्कि यहां से सिक्किम की दूरी भी बेहद कम है।
टिंगरी काउंटी से सिक्किम की सीमा का हवाई डिस्टेंस महज़ 70-80 किलोमीटर है और इस एयरपोर्ट के बन जाने से चीन न सिर्फ नेपाल के इलाके बल्कि सिक्किम के नजदीक भी हावी होने की कोशिश कर सकता है।
दूसरी तरफ चीन, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के पास भी ऐसा ही एयरपोर्ट बना रहा है, जो बुरांग काउंटी में है। ये इलाक़ा भारत-नेपाल- तिब्बत ट्राईजंक्शन के बेहद करीब है। यहां से पिथौरागढ़ महज 50 किलोमीटर की हवाई दूरी पर होगा। ये रूट कैलाश मानसरोवर का भी नया रूट है, जिस पर भारत काम कर रहा है।
चीन इन दोनो प्रोजेक्ट पर 1.5 बिलियन डॉलर से ज़्यादा का खर्चा कर रहा है। इन दोनों एयरपोर्ट्स को चीन इसी साल या 2022 की शुरुआत तक कंप्लीट कर लेगा। जैसे चीन के इरादे रहे हैं, उसके मुताबिक चीन इन हवाई अड्डों का इस्तेमाल महज अपने नागरिकों के लिए नही करेगा, बल्कि यहां अपनी सेना या एयरफोर्स के सैनिकों की तैनाती भी कर सकता है।