भारत की जीडीपी -7.3 % पर लुढ़की, अर्थव्यवस्था को लगा तगड़ा झटका, कोरोना महामारी ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) को बुरी तरह प्रभावित किया है. वित्तीय वर्ष 2021 में भारत की विकास दर -7.3% रही जो पिछले चार दशक से अधिक समय में यह सबसे खराब प्रदर्शन है. सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि जनवरी से मार्च तिमाही (Q4 FY21) में भारत की जीडीपी में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई, लेकिन पूरे वित्तीय वर्ष में 7.3 प्रतिशत की कमी भी आई है ।
भारतीय न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार कोविड-19 महामारी के कारण घरेलू खपत में लगातार गिरावट जीडीपी की सुस्त रफ्तार के पीछे का कारण है।
2020-21 में स्थिर (2011-12) कीमतों पर वास्तविक जीडीपी के 135.13 लाख करोड़ रुपये के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि 2019-20 में जीडीपी के पहले संशोधित अनुमान 145.69 लाख करोड़ रुपये था । वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी में चार प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी जो 11 वर्ष के लिहाज से सबके कम थी.
अर्थव्यवस्था के लिहाज ये यह खराब प्रदर्शन मैन्युफेक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर के संकुचन के कारण है. वित्त वर्ष 2020-21 के पहले क्वार्टर में विकास दर झटका खाते हुए 24.38 रही थी. इस दौरान देश का वित्तीय घाटा 78 हजार करोड़ रुपये का रहा है, जो पिछले साल के 2.9 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले काफी कम है. अप्रैल में आठ कोर इंडस्ट्री यानी आठ मूलभूत उद्योगों की वृद्धि दर की बात करें तो यह 56.1 फीसदी रहा है.
जीडीपी को मूल कीमतों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) और उत्पादों पर सभी करों को घटाकर उत्पादों पर सभी सब्सिडी के योग के रूप में प्राप्त किया जाता है।
एनएसओ द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “कोविड -19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए उपायों का आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ डेटा इखट्टा करने के तरीके पर भी फ़र्क़ पड़ा है