बालासाहेब के हिंदुत्व में बिलकिस बानो का रेप करने वालों की रिहाई पर जश्न नहीं हो सकता- आदित्य ठाकरे
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने बिलकिस बानो रेप केस को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। आदित्य ठाकरे ने इंडिया टुडे से कहा कि बालासाहेब के हिंदुत्व में बिलकिस बानो का रेप करने वालों की रिहाई पर जश्न नहीं हो सकता। उन्होंने सवाल किया कि क्या रेप का जश्न मनाया जा सकता है? बच्चों की हत्या पर क्या खुशी मना सकते हैं? आदित्य ठाकरे ने कहा हमारा हिन्दुत्व रेप करने वालों की पूजा करना नहीं सिखाता।
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि मेरे दादा जी बालासाहेब ठाकरे से मैंने जो हिन्दुत्व सीखा है उसमें यही कहा गया है कि रेप करने वालों को फांसी दी जानी चाहिए। रेप करने वाले चाहे किसी भी धर्म, जाति, प्रांत के हों उन्हें फांसी दो। हमारी न्याय व्यवस्था यही कहती है। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म के खिलाफ जब कोई आएगा तो हम सामने खड़े होंगे पर हमारा धर्म सबकी सेवा करना सिखाता है।
बता दें कि, बिलकिस बानो रेप केस के दोषियों को स्वतंत्रता दिवस पर गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया था. इस दौरान कुछ लोग दोषियों के जेल से बाहर आने पर जश्न मनाते नजर आए थे।
आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भी अवैध सीएम करार देते हुए कहा कि राज्य में गंदी राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे गुट ने अपनी ‘राक्षसी महत्वाकांक्षाओं’ के लिए राज्य में राजनीतिक संकट की शुरुआत की। शिवसेना के चुनाव चिह्न पर उनके दावे का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने कहा कि शिंदे गुट अब संयुक्त राष्ट्र के चिह्न पर भी दावा करेगा।
चुनाव आयोग ने नया नाम और सिंबल दिया
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की टिप्पणी उद्धव ठाकरे गुट को ‘मशाल’ चुनाव चिह्न मिलने के एक दिन बाद आई है। चुनाव आयोग ने साथ ही उद्धव ठाकरे की पार्टी को ‘शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे’ नाम दिया जबकि एकनाथ शिंदे को ‘बालासाहेबंची शिवसेना’ नाम मिला है।
मशाल चिह्न मिलने के बाद आदित्य ठाकरे ने कहा कि हमारे पास मशाल है और मुझे यकीन है कि हम ट्रेल ब्लेज़र होंगे। हमारे पास शिवसेना, उद्धव और ठाकरे का नाम है। हम नाम और चुनाव चिह्न को लोगों तक लेकर जाएंगे। वे (शिंदे गुट) हमारी पहचान चुराने की कोशिश करते रहे हैं।
आदित्य ठाकरे ने एक सवाल के जवाब में अमिताभ बच्चन की फिल्म का जिक्र करते हुए कहा कि अमिताभ बच्चन की अग्निपथ फिल्म से एक सीख मिलती है कि राजनीति में अपना रास्ता खुद बनाना पड़ता है। राजनीति का चरित्र ऐसा ही, लेकिन हमें इन 40 गद्दारों की हरकत के बारे में पता नहीं था।
गौरतलब है कि शिवसेना के चुनाव चिह्न को लेकर चले रहे विवाद के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार (8 अक्टूबर) को शिवसेना का तीर-कमान का चुनाव चिह्न फ्रीज कर दिया था। इसके बाद दोनों गुटों को अपने दल के लिए नए नाम और सिंबल देने को लिए कहा गया था।