प्रधानमंत्री हैं या किम जोंग उन, कि दूसरा कोई बोल नहीं सकता: टिकैत, केंद्र सरकार की तरफ़ से लाए गए तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान पिछले छह महीने से ज़्यादा से आंदोलन कर रहे हैं लेकिन अभी तक सरकार ने उन क़ानूनों को रद्द नहीं किया है साथ ही आंदोलन कर रहे किसानों का कहना है कि उनका आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार इन नए कृषि क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती
किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत लगातार मोदी सरकार पर हमला करते रहे हैं एक समय वो था जब लग रहा था कि ये आंदोलन अधूरा ख़त्म हो जाएगा लेकिन राकेश टिकैत ने दोबारा से किसानों को एक प्लेटफार्म पर जमा कर के आंदोलन को उस समय तक खींचने को तैयार है जब तक सरकार इन क़ानूनों को वापस नहीं ले लेती
बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत कई बार कह चुके हैं कि किसान आंदोलन लंबा चलता रहेगा। अगर सरकार करोना काल के दौरान किसान विरोधी कानून बना सकती है तो इन्हें वापस क्यों नहीं ले सकती है।
ग़ौर तलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि आज देश की सत्ता में बैठी सरकार अपने खिलाफ एक शब्द बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। लेकिन हमारा आंदोलन एक न एक दिन कामयाब होगा और यही सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस लेगी और एमएसपी पर कानून भी बनाएगी।
इसके साथ साथ राकेश टिकैत ने ट्वीट करके बढ़ती महंगाई का मुद्दा भी उठाया है।
उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “महंगाई इतनी बढ़ी है। अगर किसी ने सरकार के खिलाफ आवाज उठा दी तो उसको सजा मिलेगी। राजा के खिलाफ़ बोलना मतलब सजा का हकदार है वो। राजा हैं क्या ये? ये तो किम जोंग उन बन रहे हैं कि दूसरा कोई बोल ही न सके।”
महंगाई इतनी बढ़ी है। अगर किसी ने सरकार के खिलाफ आवाज उठा दी तो उसको सजा मिलेगी। राजा के खिलाफ़ बोलना मतलब सजा का हकदार है वो। राजा हैं क्या ये? ये तो किम जोंग उन बन रहे हैं कि दूसरा कोई बोल ही न सके। #जीतेगा_किसान
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) June 1, 2021
बता दें कि इससे पहले नेता राकेश टिकैत मोदी सरकार पर तानाशाही का आरोप भी लगा चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार अगर अपनी जिद पर अड़ी है तो किसान संगठन भी कम नहीं है। वो तब तक इस तानाशाही सरकार के ख़िलाफ़ खड़े रहेंगे जब तक वो हमारी मांगों को मान लें
किसान नेता का कहना है कि चाहे हमको ये आंदोलन 2024 तक ही क्यों न करना पड़े। सरकार के खिलाफ शुरू की गई इस लड़ाई में किसान ही जीतेंगे।
गौरतलब है कि हाल ही में किसान ने आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर काला दिवस मनाया था और पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में इस दिन केंद्र सरकार का खुलकर विरोध किया गया था।