दिल्ली HC ने ठाकुर और वर्मा के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका को किया ख़ारिज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात और के एम तिवारी की एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक निचली अदालत के आदेश के खिलाफ वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और सांसद परवेश वर्मा के खिलाफ 2020 में उनके कथित अभद्र भाषा के लिए FIR दर्ज करने की मांग की गई थी।
बता दें कि 25 मार्च को इस मामले में फैसला सुरक्षित रखने वाले न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह ने कहा कि मामले में FIR दर्ज करने के लिए सरकार की मंजूरी जरूरी है। अदालत ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ता सीआरपीसी के तहत उसके बनाए गए क़ानूनों का पालन करने में विफल रहे हैं। अदालत ने इस प्रकार निचली अदालत द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा था
ग़ौर तलब है कि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट विशाल पाहूजा ने 26 अगस्त, 2020 को करात और तिवारी द्वारा दायर शिकायत को खारिज कर दिया था, जिसमें ठाकुर और वर्मा के खिलाफ सीएए विरोधी प्रदर्शनों के संबंध में उनके कथित अभद्र भाषा के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार अधिवक्ता तारा नरूला के माध्यम से दायर याचिका में, माकपा नेताओं ने तर्क देते हुए कहा कि यदि अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा पारित आदेश को खड़े होने की अनुमति दी जाती है, तो सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत कोई आवेदन नहीं है –